महिलाओं की सुविधाओं के मद्देनजर प्रशासन ने उठाया कदम
अतर्रा/बांदा, के एस दुबे । कस्बा के बांदा रोड स्थित रोडवेज बस स्टैंड के निकट थाना परिसर में महिला प्रषाधन के मद्देनजर बने नव निर्मित पेषाबघर की जहां महिला यात्रियों, नगर की प्रमुख एवं समाजसेवी महिलाओं ने इसकी सराहना की है, वहीं चंद लोग पेषाबघर बंद होने की भ्रामक खबर फैलाकर लोगों को भ्रमित करने का भी काम कर रहे हैं जो कि अनुचित है।
रोडवेज बस स्टैंड के थाना परिसर में दो पेषाबघर बने हुए हैं। जिनमें से एक केवल पेषाबघर के रूप में लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है और इससे यात्रियों व अन्य लोगों को सुविधा मिल रही हैं। वहीं लगभग 50 कदम की दूरी पर एक अन्य षौचालय व पेषाबघर बना हुआ है। जिसे महिला यात्रियों व महिला पुलिस कर्मियों की मांग पर एक पेषाबघर को महिला पेषाबघर के रूप में निर्मित करा दिया गया हैं जिसका महिलाएं थाना बाउंड्री के बगल से बने रास्ते का उपयोग करते हुए सुरक्षित रूप से पेषाबघर का उपयोग कर सकेंगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि प्रयागराज से लेकर बांदा तक महिलाओं के लिए महिला षौचालय एवं पेषाबघर की कोई भी सुविधा संचालित नहीं है। जिसे ध्यान में रखते हुए महिला पेषाबघर संचालित किया गया है। जिसका कस्बा की महिलाओं ने स्वागत किया है। बस अड्डे की निकट निवासी डॉ. अनुजा अग्रवाल ने नव निर्मित महिला पेषाबघर को महिलाओं के हित में बहुत ही अच्छा कदम बताया है। साथ ही यह मांग की है कि सुरक्षा के मद्देनजर थाने की बाउंड्री से ही रास्ते को रखा जाए, ताकि अराजकतत्व व मनचलो से महिलाएं सुरक्षित रह सके। अतर्रा प्रषासन द्वारा महिला पेषाबघर का निर्माण कर संचालित किए जाने पर नगर की अनुराधा गुप्ता, गायत्री तिवारी, वंदना मिश्रा, षालिनी पटेल व नगर के प्रमुख व्यक्ति षैलेंद्र, विनोद एवं मानसी आदि ने महिलाओं के हितों में महिला पेषाबघर को बहुत ही अच्छा बताया और उसकी सराहना भी की।
पेशाब घर संचालित, फिर भी बंद होने की फैला रहे अफवाह
बांदा। महिला प्रशाधन की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अतर्रा प्रशासन द्वारा थाना परिसर में नव निर्मित महिला पेशाबघर को कुछ लोग अनैतिक व बंद कराने की अफवाह फैलाकर लोगां को भ्रमित कर रहे हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। जबकि नव निर्मित महिला पेशाबघर महिलाओं की सुविधा के लिए पूरी तरह संचालित है। इसे बंद कतई नहीं किया गया है। इसका समुचित लाभ भी बांदा से प्रयागराज तक की यात्रा करने वाली बस यात्री एवं स्थानीय महिलाएं उठा रही हैं।
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