बाँदा, के एस दुबे - आज सावन हरियाली महोत्सव के तीसरे दिन बांदा के चिल्ला रोड स्थित भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी में मूर्तिकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया l जिसमे कक्षा 6 से 12 तक की कक्षाओं के बच्चों ने अपने हांथों से मूर्तियाँ बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया l अन्य कलाओं के समान ही भारतीय मूर्तिकला अपने वास्तविक रूप में हड़प्पा सभ्यता के दौरान ही अस्तित्व में आई l इस सभ्यता की खुदाई में अनेक मूर्तियां प्राप्त हुई हैं जो लगभग 4000 वर्ष पूर्व की हैं और भारत में मूर्ति निर्माण तकनीक के विकास का प्रतीक है l इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी ने मूर्ति कला प्रतियोगिता का आयोजन किया l आज के युग में लोग चाइना की मूर्तियां अधिक पसंद करते हैं जिस कारण
पारंपरिक मूर्तियों का चलन कम होता जा रहा है l अतः भारतीय मिट्टी से निर्मित सुंदर मूर्ति कला विरासत को आगे बढ़ाते हुए बच्चों के अंदर छिपे हुनर को निखारने का कार्य किया विद्यालय द्वारा किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में यह एक स्वरोजगार का रूप ले सके l श्रावण के पवित्र माह में बच्चों ने शिव, पार्वती एवं गणेश इत्यादि की सुंदर मूर्तियां बनाई l विद्यालय की प्राचार्या डॉ० (प्रो०) मोनिका मेहरोत्रा जी ने बच्चों को मूर्तिकला के उद्भव एवं विकास के बारे में बताया l बच्चों की कला की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह नन्हे नन्हे बच्चे बहुमूल्य प्रतिभाओं के धनी हैं l यह ऐसे मणिरत्न है जो हमारे विद्यालय को विभूषित कर रहे हैं l विद्यालय की निर्देशिका श्रीमती संध्या कुशवाहा एवं नामित चेयरमैन श्री अंकित कुशवाहा जी ने बच्चों के हुनर की प्रशंसा की एवं हमेशा उत्साह से आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया l कार्यक्रम में एकता निगम अजय सैनी कविता वर्मा , एवं रुबीना खातून का विशेष योगदान रहा l
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