बांदा, के एस दुबे । आज अगर आम आदमी के विरुद्ध कोई शिकायत की जाती है। किसी विभाग में तुरंत खरगोश नहीं चीते की तरह छलांग लगा कर राकेट की रफ्तार से जांच पूरी कर उसे देरनदेर मुकाम पहुंचा दिया जाता है। किंतु वहीं जांच जब इन अधिकारियों कर्मचारियों के बिरूद्ध होती है तो उसकी गति कछुए की गति को भी पीछे छोड़ देती है। ऐसा ही मामला है बांदा जनपद के नरैनी तहसील क्षेत्र के पुकारी ग्राम के विद्यालय का जंहा अनुदेशिका के पद पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर एक युवती नौकरी कर रही थी और उसने एक पत्रकार के ऊपर फर्जी हरिजन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया जबकी वह हरिजन जाती से नहीं बल्कि बैकवर्ड से थी जिसके प्रमाण पीड़ित
द्वारा संबंधित अधिकारियों सहित उच्च अधिकारियों को लिखित रूप से दिए गए किन्तु विडंबना यह है की पीड़ित के फरियाद पर शासन प्रशासन के द्वारा संतोष जनक कार्यवाही नहीं की गई अलबत्ता पीड़ित को माननी न्यायालय हाईकोर्ट ने सुना और राहत प्रदान की। इधर पीड़ित लगातार नीचे से ऊपर तक ऊपर से नीचे तक अपनी फरियाद लेकर घनचक्कर बना घूम रहा है और अधिकारियों द्वारा एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है जांच की जा रही है कार्रवाई की जाएगी आखिर यह जांच कौन कर रहा है और यह कब पूरी होगी कोई निश्चित समय सीमा नहीं है जबकि सारे सबूत अधिकारियों को पीड़ित द्वारा सौंपे जा चुके हैं देखना यह है की 2021से जारी जांच 2121तक में पूरी हो पाएगी या नहीं।
No comments:
Post a Comment