अतर्रा/बांदा, के एस दुबे । पांडवों की तरफ से श्रीकृष्ण शांति प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर पहुंचने की कथा सुनाकर भक्तों को कलयुग में भवसागर से पार उतारने की सर्वाेत्तम औषधी श्रीमद् भागवत कथा को बताया है।
नगर के नरैनी रोड नगर पालिका के समीप मालिक सदन पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन मध्य प्रदेश से आए हुए भागवत आचार्य डा शिव प्रसाद शुक्ला ने कथा के दूसरे दिन कहा कि द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण पांडवों की तरफ से शांति प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर में महाराज धृतराष्ट्र के राज महल में आए और जब विधुर की पत्नी ने सुना कि श्री कृष्ण राज महल में पधारे हैं तभी से वे उन पितांबर एक माला धारी प्रिया प्रियतम
के दर्शनों के लिए अधीर है। कथावाचक ने विस्तार से भगवान श्री कृष्ण के विधुर के घर पहुंचने की कथा को विस्तार से सुना कर भक्तों को भावविभोर कर दिया स कथा का शुभारंभ गणेश गौरी पूजन एवं 33 करोड़ देवी देवताओं व पितरों का मुख्य यजमान रहे आयोजक मृत्युंजय त्रिवेदी सपत्नीक सहित पूरी कराई स कथा में भगवान विष्णु के 52 रूप में धारण कथा का भी श्रवण कराया गया।कथा उपरांत व्यासपीठ की आरती उतारकर प्रसाद वितरित कराया गया। इस दौरान कथा श्रोता सरजू सहित रमाकांत चैरिहा, प्रधानाचार्य शिवदत्त त्रिपाठी, शिवम द्विवेदी, ब्रह्मदत्त शुक्ला, राजेश द्विवेदी, अंजनी मिश्रा, राज द्विवेदी, सूरज बाजपेई, रामू तिवारी, लवकुश चतुर्वेदी, मयंक मिश्रा, हर्षित, अखिलेश, पिंकू, धीरज, राजाभैया,बलवीर, समेत महिलाएं नीतू द्विवेदी, प्रतिभा मिश्रा, रानी, नेहा, अंजलि,मंजू, सहित आधा सैकड़ा से ज्यादा भक्त उपस्थित रहे।
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