बाँदा, के एस दुबे । गुरु है जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैला दे। गुरु अपने शिष्य को केवल ज्ञान ही नहीं देता बल्कि अपनी कृपा छांव से उसके समस्त पापों का हरण भी कर लेता है। यह विचार मध्य प्रदेश से आए हुए भागवताचार्य डा.शिव प्रसाद शुक्ला ने कथा के प्रथम दिन श्रोताओं से कहीं।
अतर्रा नगर के नरैनी रोड नगर पालिका के समीप सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हो गया। पहले दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई जो नरैनी रोड से सिद्ध पीठ गौरा बाबा धाम मंदिर तक गई स कलश यात्रा के दौरान महिलाएं व युवतियां सिर पर कलश रखकर मंगल गीत गाते चलती रही। कलश यात्रा के उपरांत मध्य प्रदेश से आए हुए भागवताचार्य शिव प्रसाद शुक्ला ने कथा में कहा संसार में जो भगवान का भजन ना
कर सके वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है स भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें, और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त को शुद्ध कर सके। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है इसलिए अच्छे कर्म करो, भाग्य, भक्ति, वैराग्य, और मुक्ति पाने के लिए भागवत की कथा सुनो स उन्होंने कहा कि शिव कृपा के बिना जीव को भागवत जी की कथा श्रवण करने को नहीं मिलती है स कलश यात्रा में आधा सैकड़ा से ज्यादा महिलाएं समेत पुरुष मौजूद रहे। कथा के उपरांत व्यासपीठ भागवताचार्य शिव प्रसाद शुक्ला की आरती उतार कर प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान कथा श्रोता सरजू सहित आयोजक मृत्युंजय द्विवेदी, राजेश द्विवेदी, ब्रह्मदत्त शुक्ला, रमाकांत चौरिहा, अशोक अग्रवाल, लवकुश चतुर्वेदी, रज्जन चौरिहा, शिवम द्विवेदी, राज, अखिलेश, सुनील, अमित, लाला तिवारी, धीरज, राजाभैया, समेत नीतू द्विवेदी, सविता सिंह, गुड़िया मिश्रा, रानी देवी, नेहा, मंजू, अंजलि, दिव्या, हर्षित, मयंक, सहित आधा सैकड़ा से ज्यादा भक्त उपस्थित रहे।
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