नरैनी,करतल,शंकर बाजार सहित क्षेत्र में फैला है झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल
झोलाछाप डाक्टर के गलत इलाज से जिंदगी और मौत से जूझ रहे जच्चा बच्चा
बांदा, के एस दुबे । इस भागदौड़ की जिन्दगी एवँ असुरक्षित वातावरण, बदलते मौसम में इँसान को कहीं ना कहीं बीमारियों की चपेट में आना ही है किन्तु यदि धरती का भगवान कहे जाने वाले डाक्टर ही हैवान बन जाये तो मुसीबतों का पहाड़ टूटना लाजमी है। कुछ ऐसा ही मामला नरैनी तहसील अंतर्गत ग्राम पुकारी से प्रकाश में आया है।
विगत 9 मई को ग्राम धोविनपुरवा अंश पुकारी निवासी कमलेश पुत्र आल्हा श्रीवास अपनी गर्भवती पत्नी राजरानी को मामूली बुखार होने पर पुकारी में सँचालित झोलाछाप डा. बँगाली के अस्पताल इलाज कराने पहुंचा, अपनी गर्भवती पत्नी को बुखार उतारने हेतु मामूली टेबलेट देने की फरियाद करता है किन्तु अपनी योग्यता की शेखी बघारते उक्त डाक्टर बँगाली ने कमलेश को धमकाकर बाहर निकाल दिया तथा पत्नी राजरानी के लाख मना करने बाद भी अपनी हठधर्मिता के चलते गलत इन्जेक्शन लगा दिया जिससे कुछ ही देर बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी मरीज की हालत बिगड़ते देख उक्त डाक्टर ने स्वयँ एंबुलेंस को बुलाकर सामु. स्वास्थ्य केन्द्र नरैनी भेज दिया लेकिन वहाँ भी ब्लड रिसाव अ़धिक होने एवँ मरीज की हालत ज्यादा खराब होने के चलते जिला चिकित्सालय फिर वहां से मेडिकल कालेज के लिए रिफर कर दिया गया जंहा प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर रिफर कर दिया गया। जिसमें जच्चा ने असमय महज 7माह की बच्ची को जन्म दिया जिससे जच्चा एवँ बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। भुक्तभोगी का लाखों खर्च होने से कर्ज का दानव मुँह बाये खड़ा है अब ऐसे में यह देखना है की कुकुरमुत्ते की तरह चारों तरफ फैले ये झोलाछाप डाक्टर आखिर किसकी शह पर अपना कारोबार चलाकर गरीबों की जिन्दगी से खिलवाड़ करने पर आमादा हैं। आखिर कौन सी ऐसी वजह है कि जिम्मेदारों की नाक के नीचे सरेआम लोगो के जीवन से खिलवाड़ करते ये डाक्टर बेखौफ एवँ बेलगाम है खैर सँरक्षण किसी का भी हो किन्तु इस घटना ने समूचे माहौल को झकझोर दिया है आज जिम्मेदारों के नकारापन से एक परिवार टूटने की कगार पर है जिसके चलते भुक्तभोगी ने लिखित पत्र के माध्यम से सूबे के मुखिया मान. मुख्यमँत्री की चौखट पर जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से अपनी बिपदा सुनाकर इन भ्रष्ट अधिकारियों की शह पर चल रहे इन मौतखानों पर अँकुश लगाने की फरियाद की है। साथ उनकी पत्नी जिस झोलाछाप डॉक्टर की वजह से इस हालात को पहुंची है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं जाने की मांग की है।
ज्ञात हो इसके पहले स्वास्थ केन्द्र अधीक्षक नरैनी ने इन झोलाछाप डाक्टरों के बिरूद्ध नोटिस जारी किए थे किंतु उनके स्थानंतरण होते ही वह कार्यवाही ठंडे बस्ते में समाहित हो गई जबकि इसके काफी समय बाद इस हुई कार्रवाई के बारे में और बाद में कुछ नहीं होने पर सीएमओ एन.डी.शर्मा को संपूर्ण जानकारी जरिए मोबाइल फोन से देते हुए कार्रवाई की अपेक्षा की गई थी जिसमें उन्होंने कार्रवाई कराने का भरोसा दिया था किन्तु झोलाछाप डाक्टरों का सौभाग्य कहिए या जनता का दुर्भाग्य कि वार्ता के बाद उनका भी स्थानांतरण कहीं और हो गया और कार्यवाही रूक गई।
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