चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। गर्मियों के दौरान मंदाकिनी नदी को सूखने से बचाने और टेल तक पानी पहुंचाने में भौंरा दहार सहायक सिद्ध हो सकती है। बुन्देली सेना ने मंदाकिनी नदी की इस अथाह गहरी दहार का सर्वेक्षण कराने के लिए जल शाक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को पत्र भेजा है।
भौरा दहार।
बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि भौंरा दहार मंदाकिनी नदी का वह स्थल है जिसमे अपार जल है। यदि यहाँ का विभागीय सर्वेक्षण हो जाय तो उम्मीद है कि मंदाकिनी में वर्षभर पानी का संकट नही रहेगा। अभी गर्मियों में लगभग 15 से 20 किमी. नदी सूख जाती है। नदी किनारे के दर्जनों गांवों को गर्मी के दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि भौंरा दहार के सर्वेक्षण में अपार जल की पुष्टि हो गई तो नदी का संकट समाप्त हो जाएगा। भौंरा दहार पिछले दशकों में सर्वाधिक चर्चा में थी। पाठा के सैकड़ों ग्रामीण इसी दहार के जल पर निर्भर थे। महिलाएँ कई किमी दूर इसी दहार से जल लेकर घर पहुंचती थीं। उस समय महिलाओं में कहावत प्रचलित थी गगरी न फूटै खसम मर जाए, भौंरा तोरा पानी गजब कर जाए। मंदाकिनी नदी को बचाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे नर्मदा से जोड़ने की घोषणा की है। साथ ही एक बांध भी मझगवां के पास प्रस्तावित किया है। जब तक नर्मदा नदी मंदाकिनी में नही मिलती तब तक भौंरा का जल नदी को नवजीवन दे सकता है। बुन्देली सेना ने जलशाक्ति मंत्री से भौंरा दहार का जल सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की है।
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