चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास आचार्य नवलेश दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया।
भगवान श्री कामतानाथ की तलहटी ग्राम बिहारा में आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में भागवताचार्य नवलेश दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया है। कथा व्यास ने कृष्ण जन्म के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने बताया कि भागवत कथा
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कथा रसपान कराते भागवत रत्न नवलेश दीक्षित। |
विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मनुष्य को पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है। इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। जबकि सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नहीं था। श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन स्वर्गीय शांति देवी की स्मृति पर कथा आयोजक राम स्वयंवर मिश्रा करा रहे हैं। इस मौके पर भागवत श्रोता राम नरेश मिश्रा, रमाकांत मिश्रा, श्याम लाल द्विवेदी, भोलेराम शुक्ला, कृष्ण कुमार मिश्रा, मुन्ना त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी, बाबूलाल पांडेय, जितेंद्र कुमार सोनी आदि मौजूद रहे।
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