दोपहर में मार्गों पर पसर जाता सन्नाटा
गर्मी से राहत पाने के लिए छाया व पानी बना सहारा
फतेहपुर, शमशाद खान । अप्रैल माह का दूसरा सप्ताह शुरू होने के साथ ही सूरज की तपिश बढ़ती ही जा रही है। अप्रैल की गर्मी लोगों को मई-जून का एहसास अभी से कराने लगी है। सूर्य देवता के प्रचंड स्वरूप के चलते आम जनजीवन बेहाल होने लगा है। तेज धूप के चलते लोग दोपहर के समय घरों में ही कैद नजर आते हैं। मार्गो पर सन्नाटा दिखाई देने लगता है। गर्मी से राहत के लिए हर उम्र के लोग छाया व पानी का सहारा लेते हैं।
धूप से बचने के लिए मुंह ढके व चश्मा लगाये महिलाएं। |
उल्लेखनीय है कि धीरे-धीरे गर्मी का उग्र रूप सामने आने लगा है। बढ़ती गर्मी की दस्तक के साथ ही आम जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है। सुबह से ही तेज धूप के चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। मौसम का मिजाज दिनों दिन गर्म होता जा रहा है। लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। गर्मी से लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हो रही है। इंसान ही नही पशु-पक्षी भी तापमान के गर्म तेवरों से बेहाल नजर आने लगे हैं। धूप से बचने के लिए कोई छाता लेकर तो महिलाएं हाथों में दस्ताने चढ़ाए नजर आईं। वही तरण तालों मे भी लोग पहुंच कर गर्मी से बचाव के जतन करते दिखाई दिए। पशु-पक्षी भी बेहाल नजर आ रहे हैं। गर्मी की बढ़ती दस्तक के साथ ही संक्रामक बीमारियों ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। संका्रमक बीमारियों की चपेट में सर्वाधिक नौनिहाल ही नजर आ रहे हैं। तेज धूप के चलते नौनिहाल के हाल बेहाल हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय से लेकर निजी नर्सिंग होमों तक गर्मी के चलते संक्रामक बीमारियों से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। चिकित्सक बताते है कि गर्मी की बढ़ती दस्तक के चलते तेज धूप में निकलना स्वास्थ्य के लिए खासा हानिकारक साबित हो सकता है। धूप से बचना चाहिए तथा साथ ही साथ ग्लूकोज का अधिक से अधिक मात्रा मे सेवन करना चाहिए। धूप की तेजी के चलते लोग बाहर निकलने वाले सिर्फ छांव व पानी के सहारे अपने काम को अंजाम देते हैं। स्कूल से दोपहर में बच्चे छूटते हैं तो घर आते पहुंचते पहुंचते पानी की बोतल खाली कर देते है। बेचारे नन्हे-मुन्ने बच्चे स्कूली रिक्शों पर कुंभलाते हुए घर जाने के लिए विवश हैं। गर्मी के कारण अब पंखे की हवा भी काम नहीं कर रही है। कूलर व एसी का ही सहारा बचा है।
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