गौराबाबा धाम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा
अतर्रा/बांदा, के एस दुबे । भगवान अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ देते हैं पर भक्तों की प्रतिज्ञा व मान प्रतिष्ठा को नहीं घटने देते ईश्वर से कुछ मांगना है तो भक्ति मांगो भगवान तो भाव के भूखे है कुंती ने भगवान से विपत्ति मांगी क्योंकि सुख में मनुष्य ईश्वर को भूल जाता है और विपत्ति में ईश्वर का सुमिरन करता है उक्त बातें कस्बे के गौरा बाबा धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास स्वामी देवकीनंदन शर्मा ने कहीं।
कस्बे के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौरा बाबा धाम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के वृंदावन से आए कथा व्यास स्वामी देवकीनंदन शर्मा ने कथा के दूसरे दिन एक और जहां भक्त और भगवान के बीच भाव की प्रधानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर तो भाव का भूखा है उन्होंने भक्त मीरा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मीरा के भाव व भक्ति की प्रधानता पर कहा कि मीरा ने भाव से ईश्वर को पा लिया उन्होंने महाभारत के युद्ध में द्रोपदी के बीच भक्त और भगवान की रिश्ते को बताते हुए कहा कि जिस समय भीष्म ने पांचों पांडवों को मारने का संकल्प लिया उस समय भगवान श्री कृष्ण द्रोपदी को उसकी खड़ाऊ अपने स्वयं हाथ में लेकर गोपी बनकर द्रोपदी को भीष्म के सुबह ब्रह्म मुहूर्त में आशीर्वाद के लिए ले गए और द्रोपदी के पांचों पांडवों की रक्षा कर आई साथ ही भीष्म प्रतिज्ञा को रखने के लिए उन्होंने अपने प्रतिज्ञा और संकल्प युद्ध में सतना उठाने को तोड़ दिया पर भक्तों की प्रतिज्ञा को नहीं टूटने दिया। कथा के दूसरे दिन उन्होंने राजा परीक्षित के जन्म की कथा को विस्तार से बताते हुए कहा की भगवान ने उत्तरा की गर्भ में जाकर परीक्षित की रक्षा की कथा व्यास श्री शर्मा ने बताया कि जिस समय राजा परीक्षित की राज्य में कलयुग आया और उसने कलयुग में अपना स्थान मांगा तो उन्होंने पहले 4 स्थान दिए लेकिन कलयुग ने पांचवां स्थान सोने पर मांगा जिस पर उन्होंने दे दिया और संयोग से राजा परीक्षित उसी दिन शिशुपाल का मुकुट धारण किए थे और कलयुग उसी में बैठ गया जिससे उन्होंने संत के गले में मरा हुआ सर डाल दिया और उससे उन्हें ऋषि पुत्र द्वारा 7 दिन में तक्षक सर्प के काटने से मृत्यु का श्राप मिल गया जिस पर उन्होंने सुखदेव जी से प्रश्न किया कि जिसकी मृत्यु निकट आ गई हो उसको क्या करना चाहिए कथा व्यास जी शर्मा ने कहा की श्रीमद् भागवत कथा मृत्यु के शोक हुआ जीवन के संताप का हरण करने वाली है इसलिए जीव को संसार में कल्याण व शोक संताप के हरण का एकमात्र ग्रंथ है श्रीमद् भागवत कथा कथा की दूसरी दिन आयोजक ओम प्रकाश गुप्ता, सुरेश जयसवाल युवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अवधेश गुप्ता सहित सैकड़ों लोगों ने कथा का रसपान कर पुण्य लाभ अर्जित किया वृंदावन से आए कलाकारों द्वारा श्री कृष्ण राधा का मयूर नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को मन मुक्त कर दिया।
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