जिले में 30 अप्रैल तक चलेगा दस्तक अभियान
बांदा, के एस दुबे । जिले में 15 अप्रैल से शुरू हुआ दस्तक अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को जमालपुर गांव में अभियान का जायजा लिया है। अभियान के दौरान उन्होंने पाया कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर दस्तक दे रही हैं। घरों के बाहर स्टीकर लगाकर लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नागरिकों को अपने आसपास गंदे पानी को न एकत्रित होने देने की भी सलाह दी जा रही है।
सीएमओ ने स्वास्थ्य टीम को निर्देशित किया कि टीबी, बुखार, कोविड व कुपोषण के संभावित रोगी मिलते ही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उनके घर के बाहर स्टीकर लगाएं। मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आते ही तत्काल उपचार के लिए ले जाया जाए। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य है कि जिले में टीबी, कुपोषण और मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की तलाश की जाए। इलाज के साथ उनके आसपास बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मुख्य जिम्मेदारी
बांदा। जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने बताया कि दस्तक अभियान में मुख्य जिम्मेदारी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सौंपी गई है। प्रशिक्षित फ्रंटलाइन वर्कर्स घर-घर भ्रमण कर रोग नियंत्रण व उपचार के लिए नागरिकों को जागरूक कर रहे हैं। अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों व विभिन्न रोगों के लक्षण युक्त व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर सूचीबद्ध भी किया जाएगा। मुख्य रूप से बुखार, इंफ्लुएंजा लाइकइलनेस, टीबी व कुपोषित बच्चों पर विशेष फोकस है। एक हफ्ते से ज्यादा बुखार या खांसी वाले लोगों, कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों की सूची बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंपी जाएगी। इसके माध्यम से बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रेफर किया जा सकेगा। इसी तरह टीबी के मरीजों की सूची क्षय रोग विभाग को भेजी जाएगी।
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