चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। क्षय मुक्त भारत के तहत जिले में क्षय रोगी खोज के लिए विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर विशेष कैम्प 24 मार्च से 13 अप्रैल तक लगाए गए। इसमें 30 टीबी मरीज खोजे गए। इनमें से 24 का इलाज शुरू किया जा चुका है। निक्षय पोर्टल पर उनका विवरण अपलोड हो गया है। ताकि निक्षय पोषण के तहत आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी ने दी है।
सीएमओ डा भूपेश द्विवेदी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च से क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया था। यह अभियान 13 अप्रैल तक चला। इसमें माइक्रोप्लान के अनुसार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कैम्प लगाए गए। इसमें मुख्य जिम्मेदारी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पर थी। अभियान के दौरान विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक किया गया। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीके अग्रवाल ने बताया कि क्षय रोगी खोज विशेष अभियान के तहत 88 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में माइक्रोप्लान के अनुसार कैम्प आयोजित किए गए। उन्होंने बताया कि एक सीएचओ को एक सप्ताह में एक कैम्प करने के निर्देश थे। अभियान के दौरान एक सीएचओ ने कुल तीन कैम्प लगाए। टीबी के लक्षणयुक्त व्यक्ति को आशा और आंगनबाडी द्वारा नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर लाया गया। यहाँ पर 12 सौ से अधिक की स्क्रीनिंग की गयीद्य कुल 1149 संभावित लोगों के बलगम जांच के लिए भेजे गए। जांच में 30 लोगों में टीबी की पुष्टि हुईद्य उन्होंने बताया कि इनमें से 24 लोगों का इलाज शुरू कर दिया गया है। शेष लोगों से संपर्क कर उनका भी शीघ्र इलाज शुरू होगा। 24 टीबी मरीजों का डाटा भी निक्षय पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। ताकि इलाज के दौरान उनके खाते में पांच सौ रुपये भेजे जा सकें। यह राशि टीबी मरीज के बैंक खाते में भेजी जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं। इसके साथ सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। उपरोक्त लक्षण होने पर टीबी की जांच कराएं। सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की व्यवस्था है।
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