चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को चित्रा नक्षत्र में भगवान शिव ने अपने अंश 11वें रूद्र से माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी के रूप में जन्म लिया जिसे श्री हनुमान जयन्ती के रूप में मनाते है। इस वर्ष हनुमान जयन्ती 16 अप्रैल को है। इस दिन शनिवार है और विशेष संयोग बन रहे हैं जिससे हनुमान जयंती को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. मंगलवार और शनिवार का दिन भगवान राम के परमभक्त हनुमान जी को समर्पित है. अत: हनुमान जयंती का शनिवार के दिन पड़ना बहुत खास है. हनुमान जयंती के दिन रवि और हर्षण योग बन रहे हैं. इसके अलावा इस दिन हस्त नक्षत्र प्रात: 8 :40 तक फिर चित्रा नक्षत्र रहेगा. रवि योग प्रात: 08:40 बजे तक रहेगा वहीं प्रात: 02:45 बजे से शुरू हुआ हर्षण योग अगले दिन 17 अप्रैल तक रहेगा. शनि दोष दूर करने के लिए हनुमान जी की आराधना करने की सलाह दी जाती है क्योंकि हनुमान के भक्तों पर शनि भी अपनी बुरी नजर नहीं डालते हैं. इस बार
हनुमान जयंती शनिवार के दिन पड़ रही है जो कि बजरंगबली और शनि देव दोनों को समर्पित है. ऐसे में इस दिन शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए भी हनुमान उपासना करना बहुत लाभदायक रहेगा ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजें जाने वाले देवता है। हनुमान जी भगवन शिव के अवतार है। इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है इन्हें हनुमान, संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनन्दन आदि नामों से पुकारा जाता है इन्हें ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है। ये शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक है। हनुमान भक्त इस दिन व्रत रख कर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन कर भजन- कीर्तन करते है। इस दिन व्रत रखकर रामचरित मानस के सुन्दर काण्ड का पाठ हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभ दायक होता है। लाल वस्त्र, लाल चन्दन, लाल फूल, सिन्दूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लडडू और बूंदी से ये शीघ्र प्रसन्न होते है । हनुमान जी की पूजा से जीवन में बल, बुद्वि, साहस, संकटों पर विजय, निरोगिता प्राप्त होती है और मंगल ग्रह सम्बंधी दोष दूर होते है -
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