देवेश प्रताप सिंह राठौर............
( वरिष्ठ पत्रकार)......
रूस और यूक्रेन के युद्ध से ऐसा नहीं है कि यूक्रेन का ही नुकसान हो रहा है रूस का भी काफी नुकसान हो रहा है यूक्रेन 25 वर्ष पीछे चला गया है उसको फिर से यूक्रेन को तैयार करने में बरसों लगेंगे, यूक्रेन रूस के युद्ध 34 दिनों बाद एक राहतभरी खबर सामने आई है। युद्ध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई है लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला था। अब तुर्की में युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर बैठक हुई है। इसे शांति वार्ता कहा जा रहा है।ऐसे में दुनिया की निगाहें इस बैठक के परिणामों पर लगी हुई है। इस बैठक के मद्देनजर रूस ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि रूसी सेना अब यूक्रेन की राजधानी कीव की दिशा में अपनी सैन्य गतिविधियों को सीमित करेगी। रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले के बाद पहली बार है, जब रूस ने कुछ नरमी के संकेत दिए हैं।
रूस के उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने मंगलवार को कहा कि युद्ध समाप्त किए जाने के उद्देश्य से जारी वार्ता में 'विश्वास बढ़ाने के लिए' मॉस्को ने कीव और चेर्नीहीव के पास अभियान में 'मौलिक रूप से कटौती' करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रूसी बल कीव और चेर्नीहीव की दिशा में सैन्य गतिविधियों में कटौती करेंगे। कुल मिला के यूक्रेन पूरा खंडार बना जा रहा है परंतु यूक्रेन के राष्ट्रपति नाटो और अमेरिका का रोना रोने से फुर्सत नहीं पा रहे हैं।
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