चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। चैत्र मास के मांगलिक अवसर पर रामायण मेला परिसर में कथा प्रवक्ता संत मुरलीधर महाराज ने मंगलवार से नौ दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य कलश यात्रा के साथ शुभारंभ किया। कालिका माता मंदिर से कथा स्थल तक सैकड़ों महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर बैंडबाजों व ढोल नगाड़े के साथ हरिजस करती हुई रामायण जी की पोथी यात्रा में सम्मिलित हुई।
कलश यात्रा निकालते भक्त
कथा के प्रथम दिन मानस वक्ता संत मुरलीधर महाराज ने मंगलाचरण के बाद कथा के माहात्म्य को समझाया। गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के बालकांड में वर्णित भगवान शिव व पार्वती संवाद, गुरु महिमा पर प्रवचन देते हुए कथा के माध्यम से समाज को संदेश दिया। कहा कि इस समय भगवान राम के चरित्र को सुनाना, समझना व आत्मसात करना समाज की महती आवश्यकता है। जिससे व्यक्ति के मन से हर प्रकार की शंका स्वतः ही दूर हो जाती है। गुरु महिमा पर प्रवचन देते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने रामायण के प्रारंभ में
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कथा रसपान कराते संत मुरलीधर। |
गुरु के चरणों की रज की वंदना की है। गुरु सर्वश्रेष्ठ है। इस जगत में ब्रह्मा, विष्णु व महेश के साक्षात स्वरूप गुरु को ही कहा गया है। रामायण की सुंदर व मधुर चौपाइयां सुनकर श्रोता भावविभोर नजर आए। इस अवसर पर संत रामानुज दास महाराज, विजय महाजन, नीलम महाजन, चंद्रकला, रमेशचंद्र मनिहार, शिव कुमार कंसल, अरुण गर्ग आदि श्रोतागण मौजूद रहे।
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