देवेश प्रताप सिंह राठौर
(वरिष्ठ पत्रकार)
.................................................रूस और यूक्रेनकी युद्ध की बात करें तो हमें लगता है कि यूक्रेन और रूस के बीच जो युद्ध चल रहा है यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को अंत में समझौता ही करना है लेकिन जब समझौता करेंगे यूक्रेन के भौगोलिक रूप को बदलाव होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की युद्ध को भी कमेटी समझ रहे हैं और कॉमेडी करते करते अपने देश की जनता को सुरक्षित भविष्य के बारे में नहीं सोच रहे हैं, बल्कि अपने अहिंकर में निर्दोष जनता मौत के मुंह में जा रही है, यूक्रेन के राष्ट्रपति को समझौता के लिए कदम आगे बढ़ाने चाहिए, क्योंकि रूस ने जिस तरह से मन बना लिया है उससे यूक्रेन का अधिक नुकसान हो जाएगा और जिसका मुख्य कारण है अमेरिका और नाटो देश जिसके बहकावे में यूक्रेन का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा,
इस लड़ाई में रूस अपनी शर्तों के साथ समझौता करने के लिए तैयार है परंतु नाटो देश अमेरिका नहीं चाहता यूक्रेन रूस से समझौता करें और हथियारों को देकर उसका भौगोलिक रूप खत्म करना चाहता है और यूक्रेन विनाश की ओर पहुंचता जा रहा है ।इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति गैलेक्सी की जंग का आज 24 वां दिन है,पूर्व और दक्षिण दिशा पर हमलों के बाद अब रूस ने यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से के शहरों पर भी भीषण हमला किया है,कीव के आसपास 20 से 25 किलोमीटर के इलाके में रूसी फौज जमी हुई है।कम से कम तीन शहरों में रूसी फौज है,कीव से लेकर खारकीव और मारियूपोल तक हर शहर पर रूस शिकंजा कसता जा रहा है रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले तेज करती जा रही है, परंतु नौटंकीबाज यूक्रेन का राष्ट्रपति कॉमेडी रहा हैवलोडिमिर ज़ेलेंस्की कुछ समझ में नहीं आ रहा है एक कहावत कही गई है जब चिड़िया चुग गई खेत फिर पछताए क्या होत है उसी की ओर अग्रसर है।
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