गांवों को गोद लेने वाले अधिकारी प्रधानों को बनाएं साक्षर
बांदा, के एस दुबे । गांव के मुखिया बने निरक्षर ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने की मुहिम को जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने बैठक की और अधिकारियों से कहा कि जिन गांवों को उन लोगों ने गोद लिया है, वहां के प्रधानों को साक्षर बनाने का काम फिर से शुरू किया जाए, इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने विधानसभा चुनाव संपन्न कराने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार जताया। गौरतलब हो कि 58 ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने के लिए 58 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपते हुए 60 दिन का समय दिया गया था।
बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी अनुराग पटेल |
जिलाधिकारी ने अधिकारियों व ग्राम प्रधानों को विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 में मतप्रतिशत में बढोत्तरी के लिए ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया था, जिसमें कुछ अधिकारियों ने अपने गोद लिए ग्राम प्रधान के माध्यम से मतप्रतिशत में बढोत्तरी करवाई है। डिप्टी कलेक्टर लाल सिंह यादव ने तहसील नरैनी ग्राम पंचायत माधवपुर में 84.55 प्रतिशत वोटिंग कराई है, दूसरे स्थान पर भूमि संरक्षण अधिकारी, तीसरे स्थान पर प्रशिक्षण अधिकारी, चौथे स्थान पर अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) 73.46 प्रतिशत तथा पांचवें स्थान पर उप निदेशक कृषि रहे। इसी प्रकार कुछ अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया है। कुछ ने अपने कार्य एवं दायित्वों में लापरवाही बरती है, जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। जिलाधिकारी ने उपरोक्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्बन्धी ग्राम के शिक्षक से मिलकर तथा रात्रि में भी जिनकी ड्यूटी पठन-पाठन के कार्य में लगी है उनसे सम्पर्क कर पठन-पाठन के कार्य को पूर्णतः प्रारम्भ करा दिया जाए, जिससे अनपढ़ महिलाओं को शिक्षित कर सशक्त बनाया जा सके और गांव की शान बढ़े।
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