जनपद में भाजपा को जिताने में रहा महत्वपूर्ण योगदान
सदर सीट पर सबसे ज्यादा 63.12 फीसदी हुआ था मतदान
बांदा, के एस दुबे । जनपद की चार विधानसभाओं में भाजपा ने अबकी बार तीन सीटों पर जीत हासिल की। जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी झटक ले गई। तीन विधानसभा सीटों में भाजपा की जीत में युवाओं की मेनहत और केंद्रयी चुनाव प्रभारी पूर्व विधायक राजकुमार शिवहरे का गाइडेंस रंग लाया। उनकी रणनीति की बदौलत भाजपा ने एक बार फिर सदर सीट पर जहां दूसरी बाद जीत हासिल की, वहीं नरैनी, तिंदवारी में भी भाजपा का परचम लहराया। हालांकि इस बात का मलाल जरूर भाजपाइयों में नजर आ रहा है कि बबेरू विधानसभा सीट उनके हाथ से अबकी बार फिसल गई। जनपद के चारों सीटों पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के चौथे चरण में 23 फरवरी
को वोट डाले गए। चारों सीटों पर कुल 61.88 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे अधिक 63.12 फीसदी मतदान बांदा सीट पर ही हुआ। जबकि नरैनी सीट पर 62.42 प्रतिशत, तिंदवारी सीट पर 61.46 प्रतिशत और बबेरू सीट पर 60.58 प्रतिशत मतदान हुआ। इस बार भारतीय जनता पार्टी के खेमे में तीन सीटें आईं और एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई। जबकि पिछले विधानसभा चुनावों में इन चारों सीट से भाजपा ने जीत हासिल की थी। प्रकाश द्विवेदी ने दूसरी बार बाजी मारी है। वहीं तिंदवारी से भाजपा के रामकेश निषाद, नरैनी सुरक्षित से ओममणि वर्मा भाजपा व बबेरू विशम्भर सिंह यादव ने जीत दर्ज की है।
जिले की सबसे प्रतिष्ठित बांदा सदर विधानसभा सीट पर कांटे के हुए मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी प्रकाश द्विवेदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा प्रत्याशी मंजुला विवेक सिंह को 15214 वोटों से हराकर अपना कब्जा कायम रखा। दोबारा सदर का सुल्तान बनाने के लिए विधायक की चहेती युवा टीम ने दम से मेहनत तो की ही है, साथ में प्रकाश ने जो अपने वीट में रहकर पांच साल तक पूरी ड्यूटी निभाई, मतदाताओं ने भी उसका पूरा आंकलन करके अपना रुझान दिया है। लोगों की जबानी चर्चा ‘कर्म प्रधान विश्व रच रखा’ विधायक प्रकाश द्विवेदी ने अपने क्षेत्र में रहकर पूरे कार्यकाल में जमीनी रोल निभाया है। लोगों के दुख-दर्द में पहुंच कर मदद की है। शहरी और ग्रामीण में विकास का जाल फैलाया है, तभी जनता ने दुबारा मौका दिया है। पार्टी के लोगों की जबानी के अनुसार इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत की है। पार्टी के सीनियरों को जो जिम्मेदारी मिली है, प्रत्याशी के जीत के लिए बखूबी से निभाई है।
केंद्रीय चुनाव प्रभारी रहे पूर्व विधायक राजकुमार शिवहरे ने अपने पूरी टीम के साथ चाणक्य की भूमिका निभाई है। इन्होंने जातीय वर्ग समाज के प्रमुखों के साथ बैठक करके पार्टी में जोड़ने का काम किया है। व्यापारी संगठनों के साथ बैठक कर मोदी-योगी के हांथ मजबूत करने की अपील की और पूर्व विधायक श्री शिवहरे की प्रमुख नीति कांग्रेस, सपा और बीएसपी के पुराने दिग्गज नेताओं को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराना भी सदर विधायक के जीत का चार चांद माना जा रहा। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राजकुमार शिवहरे को 2014 में लोक सभा चुनाव 2017 में विधानसभा चुनाव 2019 में दोबारा लोक सभा चुनाव का भाजपा का केंद्रीय संगठन ने इन्हें केंद्रीय चुनाव संयोजक बनाया था और भाजपा ने 2017 विधान सभा की बांदा में सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने जीत हासिल की थी। इसी तरह तिंदवारी, बबेरू और नरैनी सीट भी भाजपा के पाले गई थी। एक बार फिर यह माना जा रहा है कि 2022 के बांदा सदर सीट के जीत में पार्टी कार्यकर्ताओं और विकास के बयार में डूबी चहेती जनता के साथ-साथ केंद्रीय चुनाव संयोजक व उनकी टीम की मेहनत पूरी तरह रंग लाई है।
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