जल दिवस पर हुआ कार्यक्रम
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। महामति प्राणनाथ महाविद्यालय मऊ मे विश्व जल दिवस पर मंगलवार को कार्यक्रम हुआ। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डा एसके चतुर्वेदी ने की। इस दौरान प्रबंधक विशिष्ट वक्ता सुंदर लाल सुमन ने कहा जल का प्रयोग बहुत सोंच समझ कर करना है। पानी के दुरुपयोग को रोकना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। अगर यही स्थिति रही तो पानी के लिए बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। हर वर्ष पानी का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। आज दुनिया के कई क्षेत्रो मे पीने के पानी की बड़ी किल्लत है। सबको मिलकर जल का संरक्षण करना है। प्राध्यापक डा. एस कुरील ने कहा कि जल है तो कल है। जल ही जीवन है। जल का कोई विकल्प नहीं है। धरती का जल स्तर हर वर्ष लगभग एक फीट नीचे गिरता जा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो 2050 तक पानी का भीषण
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संबोधित करते वक्ता। |
संकट हो सकता है। जल संचयन के लिए लगातार काम करना होगा। वर्षा के पानी को तालाबों, पोखरो, सोखपीट गड्डो मे संरक्षित करना चाहिए। प्राचार्य डा. चतुर्वेदी ने कहा कि पानी बिन सब सून। पानी के बिना इस संसार मे कुछ नहीं। वर्षा के जल को संरक्षित करना है। दैनिक प्रयोग मे सावधानी बरतें। वातावरण को संतुलित व सुरक्षित करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं। ग्रामीण क्षेत्रो मे 33 प्रतिशत व पहाड़ी क्षेत्रो मे 66 प्रतिशत के मानक को पूरा करना होगा। इसी क्रम मे प्राध्यापक पूरन सिंह, राजनारायण, छात्र अनिमेश त्रिपाठी, राजानारायण, नीशू पांडेय, गीतांजलि सिंह आदि ने इस विषय पर विचार व्यक्त किये। इस दौरान महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, छात्र छात्राएं मौजूद रहे। इस दौरान जल संचयन पर पोस्टर, चार्ट प्रतियोगिता हुई। कार्यक्रम का संचालन डा. एस कुरील ने किया।
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