चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जेआरडीयू के कुलपति ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है। नारी से ही मानव जाति का अस्तित्व है। इस सृजन की शक्ति को विकसित परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता, अवसर की समानता का सुअवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का आशय है। कहा कि महिलाओं में उस
कार्यक्रम प्रस्तुत करते स्वयं सेवक। |
शक्ति का प्रवाह होता है जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं। परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना बहुत आवश्यक है। प्राचार्य डा. राजेश कुमार पाल ने सात दिवसीय विशेष शिविर में स्वयं सेवकों के किए गए कार्यों सहित कार्यक्रम अधिकारियों के कुशल निर्देशन की सराहना की है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक अजय, ज्योति, कीर्ति, पूजा, मंजू, आराधना ने इस अवसर पर लक्ष्य गीत, भाषण, कविता, नाटक, नृत्य आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी डा. वंश गोपाल, डा. हेमन्त बघेल, डा. गौरव पांडेय आदि मौजूद रहे। डा. सीमा कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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