नवरात्री में मां के नौ रूपों का पूजन किया जाता है। चैत्र नवरात्र में ग्रीष्म ऋतु के आगमन की सूचना देता है। शक्ति की उपासना चैत्र मास के प्रतिपदा से नवमी तक की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र का प्रारम्भ 2 अप्रैल से है और नवमी 10 अप्रैल को होगी नवरात्र व्रत का पारण 11 अप्रैल को होगा । इस बार चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होगी। इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी चंद्रमा मीन राशि में रहेगा रेवती नक्षत्र और व इन्द्र योग बन रहा है। इसी दिन नवसंवत्सर विक्रम संवत 2079 से नल नाम का संवत्सर प्रारंभ होगा। इसी दिन घटस्थापना की जाएगी. शनिवार के दिन चैत्र नवरात्र का आरंभ होने से मां दुर्गा देवी का आगमन घोड़े पर हो रहा है । घोड़े पर मां दुर्गा सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात बनते हैं।
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाती है नवरात्र में घट स्थापना , जौ बोने, दुर्गा सप्तशती का पाठ , हवन व कन्या पूजन से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है।प्रथम नवरात्र में मॉ शैलपुत्री, द्वितीय नवरात्र में माँ ब्रहाचारिणी, तृतीय नवरात्र में माँ चन्द्रघण्टा, चतुर्थ नवरात्र में कूष्माण्डा, पंचम नवरात्र में माँ स्कन्दमाता, षष्ठ नवरात्र में माँ कात्यायनी, सप्तम नवरात्र में माँ कालरात्री, अष्टम नवरात्र में माँ महागौरी, नवम् नवरात्र में माँ सिद्विदात्री के पूजन का विधान है। दुर्गा देवी के तीन रूप सरस्वती , लक्ष्मी व काली क्रमशः सत, रज और तम गुणों के प्रतीक है -ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र , अलीगंज , लखनऊ
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