साक्षर प्रधान गांव की शान कार्य में रुचि दिखाएं अधिकारी
बांदा, के एस दुबे । साक्षर प्रधान होगा तो गांव में विकास की गति दोगुनी हो जाएगी। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों को मिल सकेगा। यह बात जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कही। डीएम ने इस कार्य पर फिर से अधिकारियों को रुचि लेने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि सप्ताह में कम से कम दो बार गोद लिए गए ग्राम प्रधान से टेलीफोन के जरिए बात करें और वहां जाएं। मालुम हो कि जनपद में 58 निरक्षर महिला-पुरूष प्रधानों को साक्षर बनाने की पहल के तहत 58 जिला स्तरीय अधिकारियों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। 1 दिसम्बर 2021 से पठन-पाठन का कार्य प्रारम्भ हो गया था जिसमें 60 दिनों में निरक्षर प्रधानों को साक्षर बनाने का
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बैठक को संबोधित करते जिलाधिकारी अनुराग पटेल |
लक्ष्य रखा गया था जो विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 को दृष्टिगत रखते हुए लक्ष्य को प्राप्त करने में थोडा विलम्ब हुआ। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने 58 अधिकारियों की विस्तार पूर्वक पठन-पाठन के विषय में जानकारी प्राप्त कर दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि 1 अप्रैल से पुनः शिक्षण का कार्य प्रारम्भ हो जाए। टेलीफोन के माध्यम से प्रधान से वार्ता कर पठन-पाठन के विषय में पूछते रहें। उन्होंने कहा कि हर हाल में 25 अप्रैल तक उपरोक्त 58 प्र्रधानों को साक्षर कर एक मिशाल कायम की जाए। डीएम ने कहा कि रात-दिन पढ़ाने वाले टीचर्स एवं प्रधान के बच्चे एवं बच्चियां, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ-साथ उपरोक्त 58 अधिकारियों को 30 अप्रैल 2022 को लक्ष्य को प्राप्त कर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा। भारत सरकार से भी सम्मानित कराया जायेगा। बैठक में अपर जिलाधिकरी उमाकान्त त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) एमपी सिंह, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) अमिताभ यादव, जिला विकास अधिकारी रवि किशोर त्रिवेदी, डीआरडीए मनरेगा राघवेन्द्र, नगर मजिस्ट्रेट केशवनाथ गुप्ता सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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