नासेर्प के बैनर तले दिव्यांग बच्चों के शिक्षा पर भजन सम्राट अनूप जलोटा समेत विशेषज्ञों ने रखे विचार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। दिव्यांगो की उच्च शिक्षा व पुनर्वास, रोजगार के लिए संस्थापित एशिया के एकमात्र समवेत जगदगुरु रामभद्राचार्य दिब्यांग विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति के संरक्षकत्व से दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में कार्यरत राष्ट्रीय संगठन नासेर्प के बैनर तले भारत मे विशेष शिक्षकों का योगदान और विशेष शिक्षा पर वेबीनार हुआ।
वेबीनार में विचार रखते अनूप जलोटा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भजन सम्राट पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त अनूप जलोटा ने कहा कि समाज के पहचान में गुरु शिष्य परंपरा और समाज के धनात्मक संचरण में गुरु के ज्ञान के महिमा को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए अपने आध्यात्मिक स्वर के माध्यम से भावनाओं को अभीसिंचित कर संगठन की नर सेवा नारायण सेवा के संकल्प को साकार स्वरूप के लिए आश्वासित है। उन्होंने जगदगुरु के वैदुष्य अद्भुत मेधा शक्ति को नमन किया। नासेर्प संगठन के प्रयासों को सराहा। विशिष्ट अतिथि आरपी मिश्रा कुलसचिव जेआरडीयू ने कहा कि विशेष शिक्षकों, प्रोफेशनल, रिहैबिलिटेशन के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को निराश नहीं होना चाहिये। समस्याओं का समाधान जल्द ही होगा। लगभग 20 सालो की दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व पुनर्वसन को जो संकल्प लिया है वह जल्द पूरा होगा। मोटीवेशन की आवश्यकता है। जीवन में भरोसा रखेंगे तो सभी कार्य आसानी से होगा। वेबीनार में नासेर्प संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अभय प्रकाश श्रीवास्तव, एसपी मिश्रा पीआरओ, नासेर्प उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रभान द्विवेदी ने व्याख्यान दिए। सांकेतिक भाषा अनुवादक पंकज शर्मा, शेफाली सिंह रहे। संचालन नागेंद्र पांडेय व मुक्ता सिंह ने किया। आयोजक मंडल में अरविन्द कुमार, भानिमा शर्मा, सुनील दीक्षित, पूरी चक्रवर्ती ने भूमिका अदा की। आनलाइन कार्यक्रम की सफलता मे विशेष सहयोग अपूर्व द्विवेदी ने दिया। राम प्रवेश तिवारी ने अतिथियों का आभार जताया। इस आशय की जानकारी पीआरओ एसपी मिश्रा ने दी है।
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