देवेश प्रताप सिंह राठौर (दीपू)....................
क्या गरीब होना आज के समाज में क्या अभिशाप है अगर यह सोच है गरीब की गरियवत पर मजाक उड़ाने वालों यह हमेशा याद रखो समय किसी का एक समान नहीं होता मैंने ऐसे ऐसे लोगों को देखा है और इतिहास भी गवाह है जो चांदी के गिलास में पानी पीते थे सोने की थाली में खाना खाते थे वह एक एक पैसे के लिए मोहताज हुए , कभी-कभी हम लोग सुनते हैं और देखते हैं गरीब के घर बेटी का जन्म होना है बड़ा ही अभिशाप माना जाता है यह प्रथा हटनी चाहिए और यह प्रथा हमारे वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पूरे प्रदेश में देश में मोदी जी ने गरीब को भी वही सम्मान मिला है जो कभी गरीब को अभिशाप कहा जाता था आज गरीब और गरीबी अब साफ नहीं है सभी लोग सुरक्षित हैं सबकी इज्जत मर्यादा पर कोई आंख उठा कर देखने की जरूरत नहीं कर सकता यह आज
उत्तर प्रदेश और देश में कानून व्यवस्था व बहुत ही दूरस्थ है। लेकिन फिर भी गरीबी एक अभिशाप तो है ही वह सम्मान नहीं मिलता चाहे जितना योग्य आदमी हो जितना काबिल हो जितना अधिक वही हो अगर उसके पास धन नहीं है तो वह है मूर्खों में उसकी गिनती होती है। अमीर व्यक्ति मूर्ख अगर धनवान है उसके अज्ञानी होने पर भी लोग उसको ज्ञान की श्रेणी में सम्मान दिया जाता हैl यह कैसे संभव हुआ इसको आप देख सकते हैं वर्तमान सरकार के द्वाराअमीर को एक श्रेणी में न्याय के प्रति एकएक ऐसी मानवीय स्थिति हैं जो हमारे आम जीवन में संघर्ष और समस्याओं को जन्म देती हैं, उसे गरीबी कहते है। गरीबी से आम लोग जीवन के रास्ते भूल जाते हैं और उसी के कारण कई तरह की समस्याओं जन्म लेती हैं। गरीबी दुख – दर्द और कई तरह के आंतरिक जख्मों को जन्म देती हैं । जो लोग गरीबी में जीते हैं उनके पास ना तो अच्छी शिक्षा होती हैं और ना ही अच्छा जीवनयापन का तरीका। गरीबी में लोगों को तरह तरह की समस्या होती हैं, जिस में उनको ना तो अच्छी शिक्षा मिलती हैं और ना ही स्वास्थ्य के अच्छे रास्ते मिलते हैं।
कभी-कभी हम एक कहावत भी कहते हैं गरीबी में आटा गीला यह कहावत कही न कही सही भी हैं। इस कहानी को गरीबी में जोड़ना सही हैं। गरीब के पास मुख्य रूप से पैसो की कमी होती हैं और इसके साथ ही एक गरीब के जीवन जीने में भी कई तरह की परेशानी आती हैं जैसा रोजी रोटी और काम की कमी इतियादी। राष्ट्रिय आय के गलत निर्धारण में गरीबी भी एक मुख्य कारण हैं। आय और पैसों की कमी के कारण गरीब व्यक्ति आसानी से चीजों को खरीद नही पाता हैं। जरुरी चीजों को खरीदने में कई गरीब लोग सक्षम नही होते हैं। गरीबी एक श्राप है।गरीबी एक ऐसी स्थिति हैं, जो मनुष्य को बेबस और लाचार कर देती हैं। गरीबी के कारण एक गरीब व्यक्ति जीवन की जरुरी तीन चीजों को पाने में असमर्थ होता हैं। इन तीन चीजों में रोटी, कपडा और मकान हैं। पुरे दिन कड़ी धुप में मजदूरी करने के बावजूद उन्हें केवल एक वक्त का खाना मिल पाता हैं। तेज धुप और बारिश और आंधी से बचने के लिए उनके पास पक्की छत नही होती हैं। सर्दी में बदन ढकने के लिए उनके पास कपडे नही होते हैं। एक गरीब अपने परिवार को ना तो अच्छी शिक्षा दिला पाता है और ना ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधा। उनके पास सोचने और समझने की शक्ति नही होती हैं और ना ही वे सही ढंग से कोई काम कर पाते हैं। किसी भी देश में अगर गरीबी की नियंत्रण करना हैं तो उसका सबसे बड़ा उपाय हैं देश की जनसँख्या पर नियंत्रण करना। जनसँख्या के अलावा देश में सही प्रबंधन नही हैं। लोग कम पढ़े लिखे हैं यही कारण हैं की वे समय के साथ खुद को नहीं बदल सकते हैं। चीन देश को ही देख लीजिये, उस देश की जनसँख्या हमसे ज्यादा हैं बावजूद इसके वो सबसे आज आगे है। तकनीक के मामले और मेडिकल के मामले में सबसे आज आगे है।देश के लोगों को अब आत्मनिर्भर बनने की जरूरत हैं। लोगों को अब पढाई के साथ व्यवसाय के क्षेत्र में खुद को आगे आना चाहिए। हम अक्सर इस बात को सुनते हैं हमारे देश में ज्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करते हैं। यह गरीबी रेखा क्या होती हैं। गरीबी रेखा या निर्धनता रेखा का मतलब होता हैं की कोई व्यक्ति अपनी न्यूनतम आय से कम में जीवन यापन करता हैं। वह गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता हैं। किसी व्यक्ति की आय, राष्ट्रिय आय का 60 प्रतिशत से कम हो तो वो गरीबी रेखा की श्रेणी में आता हैं। गरीबी एक श्राप हैं, जिससे आज हर कोई परेशान हैं। गरीबी भूखमरी और गलत कामों को बढ़ावा देती हैं। वर्तमान में गरीबी एक ऐसा अभिशाप बन चूका हैं, जिससे हर किसी के लिए बच पाना मुश्किल होता हैं। हमारे देश में भी गरीबी का दर बढ़ रहा हैं। गरीबी को मिटाने के लिए देश की सरकार तो अपने स्तर पर काम कर ही रही हैं। इसके साथ ही हमे भी इसके लिए काम करना चाहिए।
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