खागा/फतेहपुर, शमशाद खान । नेपाल से आए जाने-माने मौलाना शफीक उल्लाह चतुर्वेदी ने कहा कि चारों वेदों से लेकर कुरआन, बाइबल सहित सभी धर्मों का संदेश मानवता है। इस्लाम का मकसद पूरे विश्व को इंसानियत का पैगाम देना है। वेनरौली शरीफ में खिताब करने के पहले प्रेस से बात कर रहे थे।
चारों वेदों के ज्ञाता मौलाना शफीक उल्ला चतुर्वेदी ने कहा कि मोहम्मद साहब ने बिगड़े माहौल में चालीस साल तक इंसानियत की तालीम दी। मनुष्य के अंदर इंसानियत नहीं है तो वह अधर्मी है। इस्लाम भाईचारा, इंसानियत एवं मानवता का नाम है। उन्होंने कहा कि हजरत इफहाम उल्लाह फाजिल मियां ने जीवन भर इंसानियत की तालीम दी। यही कारण है कि नरौली शरीफ में सभी धर्मों के लोग आस्था और अकीदत रखते हैं।
पत्रकारों से वार्ता करते मौलाना शफीक उल्लाह चतुर्वेदी। |
मौलाना चतुर्वेदी ने कहा कि जितने भी अल्लाह वाले हैं, पहले इंसान बनाया फिर पवित्र धर्म का संदेश दिया। ख्वाजा गरीब नवाज के हाथों 90 लाख लोगों ने अपनी मर्जी से कलमा पढ़ा। सभी धर्म गुरुओं को जलसों में इंसानियत का पैगाम देना चाहिए, चाहे वे जिस धर्म से संबंधित हों। इंसानियत का पैगाम देना ही सूफी संतों का काम है। तभी हिंदुस्तान फलता फूलता रहेगा। उन्होंने बताया कि नेपाल में आपस में इतनी मोहब्बत है कि लोग एक दूसरे को हमेशा गले लगाने को तैयार रहते हैं लेकिन हिंदुस्तान में अभी भी आपसी भाईचारे की जरूरत है। मौलाना शफीक अल्लाह चतुर्वेदी ने अमन का पैगाम देते हुए कहा-राम का भक्त कहां,बंद ए रहमान कहां, तू वो हिंदू ही कहां मैं वो मुसलमान कहां,मंदिर ओ मस्जिद के नाम पर होती है सट्टेबाजी, शेख ओ पंडित ने सजा रक्खी है दूकान कहां। मुल्क मेरा महान था महान रहेगा, शादां ये हमेशा ही गुलिस्तान रहेगा, अल्लाह सलामत रखे इस मुल्क को यारो, जब मिल के यहां हिंदू मुसलमान रहेगा।
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