बीच रास्ते से ही वापस लौटी बारात, मर्च्युरी हाउस पहुंचे सभी लोग
मर्च्युरी हाउस में क्षत-विक्षत शव देखकर मचा कोहराम
बांदा, के एस दुबे । सभी हंसी-खुशी बारात लेकर घर से निकले थे। कोई गम और शिकवा नहीं था। अचानक छह बारातियों से भरी एक्सयूवी कार नेशनल हाइवे में सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से टकराई तो एक साथ पांच बारातियों की मौत हो गई। इन पांच बारातियों में दूल्हे का भांजा भी शामिल था। दूल्हा और अन्य बाराती महोबा जनपद के समीप पहुंच गए थे। उन्हें हादसे की खबर मिली तो राय-मशविरा करने के बाद बारात बैरंग वापस लौट आई। फिलहाल निकाह टाल दिया गया है। परिजनों के मुताबिक एक साथ पांच मौतों के बाद निकाह कैसे किया जा सकता है, अब अगली तारीख में ही निकाह हो सकेगा। इधर, पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा के
मर्च्युरी हाउस में मौजूद मृतकों के परिजन |
बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जनपद चित्रकूट के कर्वी मुख्यालय के पुरानी बाजार निवासी आफताब और उसके परिजनों के साथ ही बाराती खुशी से लबरेज थे। काफी दिनों पहले से जहां शादी की तैयारियां की गई थीं, वहीं शनिवार की दोपहर बारात भी दुल्हन के दरवाजे जाने के लिए रवाना हो गई थी। लेकिन खुदा को शायद कुछ और ही मंजूर था। बारात में शामिल में बस और कुछ चार पहिया वाहन आगे निकल गए थे। जबकि एक्सयूवी कार में छह बाराती सवार थे, जिसमें दूल्हे का भांजा मुशर्रफ भी शामिल था। फर्राटा भरती हुई तेज रफ्तार एक्सयूवी कार जमुनी पुरवा के पास अचानक सड़क किनारे खड़े ट्रक में जा घुसी और पल भर में ही कई जिन्दगानियां मौत के फंदे में आ गईं। हादसे में पांच बारातियों की मौत हो जाने की खबर महोबा पहुंच चुके दूल्हे को मिली तो वह अवाक रह गया। परिजन भी फफक कर रो पड़े। बारात महोबा से वापस सीधे जिला अस्पताल की मर्च्युरी हाउस पहुंच गई। जिन दोस्तों और भांजे के साथ कुछ घंटे पहले ही दूल्हे आफताब ने हंसी ठिठोली की थी, उन्हीं के रक्त-रंजित शव देखकर दूल्हा बदहवास हो गया। दूल्हा और परिजन फफक कर रो पड़े। परिजनों के मुताबिक हादसे में पांच बारातियों की मौत हो जाने के बाद फिलहाल निकाल टाल दिया गया है, अब अगली तारीख में ही निकाह संभव हो सकेगा। गौरतलब हो कि मृतक मुशर्रफ बांदा शहर के अलीगंज मुहल्ले का रहने वाला था। वह अपने मामा
मर्च्युरी हाउस में रोते-बिलखते परिजन |
आफताब के साथ कर्वी में रहकर पढ़ाई कर रहा था। वह दो भाइयों में सबसे बड़ा था। मुशर्रफ के पिता मवई बाईपास के पास सेल्फ डायनुमा मरम्मत करने का काम करते हैं। अचानक हुई इस घटना से मां नूरी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इसी तरह मृतक शमशुल तीन भाइयों में सबसे छोटा था। वह बीफार्मा कमर चुका था। इन दिनों वह जिला अस्पताल कर्वी में ट्रेनिंग कर रहा था। पिता को उम्मीद थी कि शमशुल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद नौकरी पर लग जाएगा, जिससे परिवार का भरण पोषण होगा। हादसे का शिकार हुए मृतक रिंकू भी अविवाहित था। वह ड्राइवरी करने का काम करता था। सड़क हादसे में अकाल मौत का शिकार हुए गुफरान और टिल्लू के परिवार में गम का पहाड़ टूट पड़ा है। दोनो ही शादीशुदा थे और अपने परिवार का भरण पोषण करने का जिम्मा भी उन पर ही था। मृतक गुफरान टायर का काम करता था। उसके एक बेटा फैज अली और बेटी फिनाया है। जबकि मृतक टिल्लू मजदूरी और अन्य काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। वह दो भाइयों में छोटा था। उसके एक पुत्र दानिश है।
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