फुलवारी घाट का मामला, ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। चुनाव को लेकर जनपद के आला अधिकरी व्यस्त हैं। जिसका फायदा खनन माफिया धड़ल्ले से उठा रहे हैं। कर्वी तहसील क्षेत्र में कई बालू खदानें संचालित हैं, वो चाहे ओरा खदान हो या गढीघाट ग्राम की फुलवारी घाट। बालू खदानों में अवैध खनन किया जा रहा है। फुलवारी घाट संचालक एनजीटी के नियमों को ताक में रखकर अवैध खनन को अंजाम दे रहा हैं।
पोकलैंड का पंजा जलधारा से खींच रहा नदी के प्राण
फुलवारी बालू खदान में लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा भारी भरकम मशीनों से बागै नदी का सीना चीर कर अवैध खनन किया जा रहा है। घाट संचालक अवैध खनन के साथ जमकर ओवरलोडिंग परिवहन करा रहा हैं। जिसके चलते राजस्व की भारी क्षति हो रही है। साथ ही सैकड़ों गांवों को जोड़ने वाला बिसंडा पहाड़ी मुख्य मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील होने की कगार पर है। इसके अलावा नदी के स्वरूप्प में परिवर्तन हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है। अवैध खनन के खिलाफ कई बार ग्रामीणों ने विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। आरोप है कि खनन माफियाओ की साठगांठ की वजह से मामले में किसी ने सुध नहीं ली। ग्रामीणो के अनुसार विगत वर्ष पोकलैंड से जलधारा से अवैध खनन के चलते नदी में गहरे गढ्ढे होने से डूबकर तीन नाबालिग बच्चों की जान गई है। यदि कोई भी अधिकारी किसानों की शिकायत पर अवैध खनन को देखने या कार्यवाही करने जाता है तो वह किसानों के दिखावे के लिए खदानों के अंदर तो जाते है लेकिन अवैध खनन पर कार्यवाही करने के बजाय फोटो खिंचाकर चले जाते हैं। फुलवारी घाट में ठेकेदार द्वारा लीज से हटकर नदी की जलधारा से पोकलैंड से दिनदहाड़े खनन कराया जा रहा है। नदी की जलधारा को रोककर दो पुलों का निर्माण भी करा दिया। जिससे गांव की तरफ पानी न होने से जानवरों को पानी के संकट से जूझना पड़ेगा। इस सम्बन्ध में खनिज अधिकारी ने कहा कि पोकलैंड मशीन की अनुमति है, लेकिन पुल निर्माण गलत है। मौके पर जाकर देखेंगे। ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि दबंग ठेकेदार गरीबों की सब्जी की खेती को नष्ट कर दिया गया है। जिससे रोजीरोटी का संकट भी उत्पन्न हो गया है।
No comments:
Post a Comment