शासन की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन के बावजूद हो रही कटौती
कमासिन, के एस दुबे । मेहनत का पैसा न मिलने के कारण आशा बहुओं ने सरकारी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। आरोप है कि शासन द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों की पूर्ति के बावजूद उन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया जा रहा है, जिससे उनके परिवार भुखमरी के कगार पर है। बात करते-करते आशा बहुओं का दर्द छलक उठा। संघ की अध्यक्षा ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से शिकायत के बावजूद भी वर्षों से प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया।
समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करतीं आशा बहुएं |
शासन द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में भागीदारी रखने वाली आशा बहुओं को वर्षों से भुगतान न मिल पाने की वजह से आशा बहुओं ने सामूहिक रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रदर्शन किए उन्होंने बताया कि उन्हें वर्षों से लंबित प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया जिम्मेदार लोगों से शिकायत के बावजूद उनके भुगतान में कटौती कर खातों में धनराशि भेजी जा रही है। आशा बहू संघ की अध्यक्षा बिंदावती ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य से जुड़ी शासन की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन करने के बावजूद प्रेषित बाउचरों के बाद भी उनके प्रोत्साहन राशि में कटौती कर धनराशि खातों में भेजी जा रही है। इस मामले की कई बार शिकायत डाक्टर से की गई है। हमेशा की तरह डाक्टर का कहना था कि आपके खाते में पूरी धनराशि भेजी गई है। बैंक में जाकर देख ले। बैंक में खुले आशाओं के खातों में पैसा नहीं होता है। बिंदावती ने बताया कि कोविड-19, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, नसबंदी केस, कापर टी बच्चों की डिव लिस्ट, वीएचएनडी, स्वच्छता अभियान, एमआरआई, बूस्टर आदि जैसे स्वास्थ्य से जुड़ी शासन की सभी योजनाओं पर हम पूरी तन्मयता से काम करते हैं। इन सभी कामों की प्रोत्साहन राशि शासन द्वारा निर्धारित है। लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी प्रोत्साहन राशि की कटौती कर धनराशि आशा बहुओं के खाते में डालते हैं। ज्यादातर आशा बहुओं की वर्षों से प्रोत्साहन राशि लंबित है। ऐसी स्थिति में हम आशाओं के परिवार भुखमरी के कगार पर हैं। आशाओं का प्रदर्शन दौरान खुद्दार जो छाला पड़ा अश्रुपूरित नेत्रों से आशाओं ने अपना दर्द बयां किया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. जितेंद्र सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि आशाओं के प्रोत्साहन राशि पर कोई कटौती नहीं की जाती है जितने बिल बाउचर आशाओं द्वारा दिए जाते हैं उन्हीं के आधार पर उनकी प्रश्न राज उनके खातों में डाल दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र की आधा सैकड़ा से ज्यादा आशा बहुएं प्रदर्शन में मौजूद रही। जिनमें प्रमुख रूप से सीमा देवी, मीरा देवी, सुधलेश देवी, निशा देवी, रोहिणी, माया देवी, लालता देवी राजरानी आदि आशाओं ने विरोध प्रदर्शन में भागीदार रही।
No comments:
Post a Comment