बुन्देली सेना ने पीएम को पत्र भेज जिले को वापस दिलाने की उठाई मांग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। जिले से 90 के दशक में चोरी गई योगिनी वृषानन की मूर्ति जिले को वापस दिलाने की मांग बुन्देली सेना ने प्रधानमंत्री से की है। यह मूर्ति पेरिस (फ्रांस) से आकर दिल्ली म्यूजियम में है।
बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि खण्डेहा क्षेत्र के लोखरी गांव से योगिनी वृषानन की मूर्ति चोरी हुई थी। यह मूर्ति तस्करों से होते हुए पेरिस (फ्रांस) पहुंच गई थी। मूर्ति संग्रहकर्ता रॉबर्ट श्रीम्फ के पास थी। वर्ष 2008 में भारतीय दूतावास को जानकारी हुई तो प्रयास तेज किए। दूतावास को मूर्ति की प्रमाणिकता सिद्ध करने में
योगिनी वृषानन की प्राचीन मूर्ति। |
दांतों पसीना आ गया। इसी दौरान रॉबर्ट की आकस्मिक मृत्यु हो गई तो उसकी पत्नी ने खुद मूर्ति भारतीय दूतावास को सौंप दी। भारतीय दूतावास से यह मूर्ति दिल्ली म्यूजियम में रख दी गई है। चार सौ किग्रा वजनी बलुआ पत्थर की यह मूर्ति 4.5 फीट ऊंची है। योगिनी वृषानन की मूर्ति जिले के लोखरी गांव में पुनः स्थापित कराने के लिए बुन्देली सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। बताया कि आदिशक्ति की यह मूर्ति आस्था की केंद्र है और मूर्ति कोल बिरादरी की संस्कृति से जुड़ी है। साथ ही केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल से भी जिले को मूर्ति वापस दिलाने में मदद की मांग की है।
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