फतेहपुर, शमशाद खान । जनवरी का आधा माह बीत गया लेकिन ठंड के तेवर ढीले नही हुये। हर दिन ठण्ड का इजाफा हो रहा है। लेकिन जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे सर्दी एक बार फिर से दस्तक दे रही है। शनिवार की सुबह से ही बर्फीली हवाएं चलने के कारण लोग सुबह देर से सड़कों पर नजर आए। सूर्य के दर्शन तो हुए लेकिन हवाओं के आगे धूप बेअसर रही। शाम ढहलते ही गलन बढ़ने पर लोग जल्दी घरों में दुबक गए।
ठंड से बचने के लिए आग का सहारा लेते लोग। |
बताते चलें कि दिसम्बर माह से सर्दी ने कुछ असर दिखाया था लेकिन जनवरी की शुरूआत में सर्दी कोई खास असर नहीं दिखा रही थी लेकिन बीच में चार दिन हुई बारिश से एक बार फिर मौसम ने करवट ली। मकर संक्रान्ति पर्व के दूसरे दिन सुबह से चल रही बर्फीली हवाओं के चलते लोगों की सुबह कुछ देर से हुई। कोरोना काल में विद्यालयों में अवकाश होने के चलते बच्चे घरों पर ही दुबके रहे। हवाओं के चलते रोजमर्रा के लिए निकलने वाले लोग भी देरी से घरों से निकले। सड़क पर निकलने वाले लोग अपने शरीर को गर्म कपड़ों से ढके हुए नजर आए। दिन में देर से सूर्य के दर्शन तो हो गये लेकिन हवाओं के चलते यह धूप कुछ खास असर नहीं दिखा सकी। चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जलने वाले अलाव का लोग सहारा लिए हुए दिखाई दिए। ठंड व शीतलहरी के कारण सबसे अधिक दिक्कत यात्रा करने वाले लोगों को उठानी पड़ी। स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने वाले लोग अपने आपको पूरी तरह से गर्म कपड़ों के जरिए ढके रहे। शाम होते-होते एक बार फिर गलन बढ़ गई और मार्ग जल्दी सूने हो गए। रात आठ बजते-बजते सड़क पर सन्नाटा पसर गया।
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