चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। राष्ट्रीय नाई महासभा के 18वें राष्ट्रीय अधिवेशन में भारतीय सेन समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश श्रीवास ने कहा कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति खुद को पहचाने। संगठन के महत्व को समझें। स्पष्टवादी जरूर बनें। किसी भी समाज का भला तभी हो सकता है जब समाज को नेतृत्व प्रदान करने वाले बलिदान के लिए तत्पर हों। मप्र के गुना से आए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आल इंडिया सेन महासंघ ट्रस्ट नई दिल्ली गिरधारी लाल सेन ने कहा कि
अधिवेशन में मौजूद पदाधिकारी। |
सेन समाज को आत्मनिर्भर होने के लिए बच्चों को शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। तभी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इतिहासकार डा. शिवप्रेम याज्ञिक ने कहा कि कोई भी समाज संगठन के बिना महान कार्य नहीं कर पाया। संगठन से जुड़ने वाला व्यक्ति मेहनत करते हुए महानता को प्राप्त करता है। इस अवसर पर अनुराग सेन, कामिनी सेन, रश्मि श्रीवास, राजाराम सविता, देवी प्रसाद सविता, लवलेश सेन, प्रेमचन्द्र याज्ञिक, रोशनलाल, रामदत याज्ञिक, सौखिलाल, कामता प्रसाद सेन, हेमराज, शिवबरन सविता, अनिल सेन, कंचन सेन आदि उपस्थित रहे।
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