चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। बिहारा गांव स्थित हनुमान मंदिर के पास रामेश्वर भोले नाथ मंदिर में संगीतमय राम कथा के पहले दिन कथा वाचक नवलेश दीक्षित ने राम चरित्र, पारिवारिक समस्याएं, सामाजिक जिम्मेदारियां आदि का महत्व समझाया। यजमान संजय जायसवाल, धर्मपत्नी के साथ पूजा अर्चना की। कथा प्रवक्ता ने कहा कि कथा इस भाव से सुनें कि मेरे ही घर, परिवार की कहानी है। भगवान राम प्रत्येक घर के सदस्य हैं, किसी को भी ये नहीं भूलना चाहिए। जिनके मन में मानवता को जगाने का भाव है उन सभी के घर के सदस्य हैं। कहा कि राम कथा से बहुत कुछ सीखने
भागवताचार्य नवलेश दीक्षित। |
को मिलता है। बार बार चिंतन करने से चरित्र का निर्माण होता हैं। राम कथा गंभीर होती है। उसे सुनने में मन नहीं लगता, लेकिन ये बात जान लें कि जीवन में कई बार ऐसे पल आते हैं जब गंभीर होना पड़ता है। तब राम कथा बहुत बड़ा संबल देती है। ये कथा सबके जीवन में बहुत मायने रखती है। रामकथा का मतलब समझाते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक सनातन धर्म के अनुयायियों के परिवार, सदस्यों की कथा है। इस दौरान कथा के मुख्य यजमान रमेश शुक्ला, भोलेराम शुक्ला, श्यामलाल दुबे, रमाकांत मिश्रा आदि मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment