असोथर/फतेहपुर, शमशाद खान । बारिश के पानी से भीगे धान को बचाने के लिए किसान सुबह से क्रय केंद्रों में पहुंच गए। वहां धान के ढेर के आसपास भरे पानी को डिब्बा, बाल्टी में भरकर बाहर फेंकते रहे। आसमान में बादल व धुंध को देख कर किसानों में अभी भी चिंता बनी हुई है। वह धान के ढेर को तिरपाल से ढंके हुए हैं।
धान क्रय केंद्र में भीगा पड़ा किसानों का धान। |
दो दिन की बारिश से क्रय केंद्रों में धान बेचने वाले किसानों का लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। शनिवार को दोपहर बाद धूप तो निकली लेकिन भीगे हुए धान के ढेर जस के तस लगे रहे। धान के भीग जाने की वजह से तौल का काम भी बंद है। केंद्र प्रभारी सूखा धान तौल कराने की बात कर रहे हैं। खरीद केंद्र में टीन शेड न होने के कारण किसानों के ढेर खुले मैदान में पड़े हुए हैं जिसकी वजह से किसानों के ढेर कुछ भीग चुके हैं कुछ तिरपाल वगैरह डाल कर अपना धान भीगने से बचा रहे हैं। किसानों के ऊपर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं। किसानों को भीगे धान को सुखाने की चिंता सता रही है। वहीं अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से तौल की हुई बोरियां भी भीग गई हैं। क्रय केंद्रों में पड़े धान जामने लगे हैं।
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