नरैनी व अतर्रा क्षेत्र के कई गांवों में किसान पैदा करते हैं गन्ना
चीनी मिल के बिना गुड़ से ही मुनाफे की घोल रहे मिठास
बांदा, हरदेव त्रिपाठी । बुंदेलखण्ड यू ंतो दलहन-तिलहन उत्पादन का धनी क्षेत्र है लेकिन यहां के नरैनी व अतर्रा इलाके में हजारों हेक्टेयर रकबे में धान पैदा होता है। इसी के चलते लोग नहरों से सिंचित इस इलाके को धान का कटोरा कहते हैं। यहां की एक मांग वर्षों से अधूरी पड़ी है। किसानों का कहना है कि फसलों के साथ गन्ने की पैदावार करते हैं, लेकिन इसकी खेती मुनाफे का माध्यम नहीं बन पाएगी। चीनी मिल की वर्षों से मांग चली आ रही है, जो आज तक पूरी नहीं हो पाई। यदि चीनी बनाने का एक कारखाना लग जाए तो निश्चित ही रोजगार बढ़ेगा, साथ ही गन्ना किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
बुंदेलखण्ड के चित्रकूटधाम मण्डल में चार जिले आते हैं। खरीफ व रबी में यहां लाखों हेक्टेयर रकबे में तरह-तरह की फसलें किसान पैदा करते है। रबी में जहां साढ़े नौ लाख हेक्टेयर पर दलहन-तिलहन के साथ गेहूं की पैदावार होती है वहीं खरीफ में तीन से साढ़े तीन लाख हेक्टेयर रकबा बोया जाता है। खरीफ की मुख्य फसल धान है। जिसका अधिकांशतः क्षेत्रफल बांदा जिले के नरैनी, अतर्रा, खुरहण्ड व बिसंडा से लगा हुआ है। यह इलाका दो फसली है। यहां केन नदी से निकली नहरें सिंचाई का मुख्य साधन हैं। यही वजह है कि यहां के किसान दो मौसम में फसलें पैदा करते हैं। जिले में धान का रकबा 50 से 55 हजार हेक्टेयर है। जिसका 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा नरैनी व अतर्रा इलाके में आता है। इन दोनो क्षेत्रों के बीच कई ऐसे गांव है जहां किसान खेतों पर गन्ना उगाते हैं। लेकिन किसानों का गन्ना पेराई के बाद गुड़ तक ही सीमित रह जाता है। कुछ किसान इसे खेत पर ही बेच लेते हैं। गन्ना कैश क्राप में आता है, जिसके चलते तैयार होने पर खेतों से ही इसकी बिक्री हो जाती है। धान उत्पादन वाले इस इलाके में गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए नरैनी व अतर्रा क्षेत्र में काफी समय से चीनी मिल की मांग चल रही है। चुनाव दरम्यान भी यह मांग जोर पकड़ती है। लेकिन आज तक चीनी मिल की स्थापना नहीं हो पाई। कहा जाता है कि यदि चीनी मिल लग जाए तो मौजूदा समय 600 हेक्टेयर में पैदा होने वाले गन्ना का रकबा कई गुना ज्यादा हो जाएगा। इससे दोहरे फायदे होंगे। एक तो लोगों को रोजगार मिलेगा, साथ ही किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा।
विधानसभा चुनाव में फिर शुरू हुई चीनी मिल की चर्चा
बांदा। प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। जिले में 23 फरवरी को चौथे चरण में चारों विधानसभाओं के लिए वोट डाले जाएंगे। चुनाव की घोषणा के साथ जहां एक ओर सियासी चर्चाओं का दौर शुरू है, वहीं पुरानी मांगें भी फिर से उठने लगी हैं। जानकारों का कहना है कि अब जब चुनाव का मौसम आया तो मांगों की चर्चा होना भी स्वाभाविक है। यदि जिले में चीनी मिल स्थापित हो जाए तो गन्ने का उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ ही यहां के किसानों में खुशहाली आएगी।
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