बदौसा, के एस दुबे । क्रान्तिज्योति राष्टमाता सावित्री बाई फूले के 191वें जन्म दिन पर आयोजित विचार गोष्ठी में पुष्प अर्पित कर वक्ताओं नें समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लिया।
सोमवार शाम शिक्षा की ज्योति राष्ट्र माता सावित्री बाई फुले के 191वें जन्म दिन पर रामभवन कुशवाहा के आवास में आयोजित विचार गोष्ठी में सावित्री बाई फूले महिला अधिकार संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमा कुशवाहा ने कहा सावित्री बाई फूले ने महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने वाली पहली महिला शिक्षिका हैं, इन्होंने अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले के कंधे से कंधा मिला कर अशिक्षा, सती प्रथा, बाल विवाह, बेश्या बृत्ति जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए नारी शिक्षा और सम्मान के लिए अनेको मुद्दों में काम किया। इन्होंने देश के बच्चों को हक हकूक के लिए जागरूक करने के लिए ताउम्र बच्चे न पैदा करने का संकल्प लिया तो इनका साथ दे रही शेखफातिमा नें भी जिन्दगी भर विवाह न करने का फैसला ले कर महिलाओं के लिए कुर्वान हुई। इन्हीं के प्रयासों से आज हम महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी का अधिकार मिला है। चंद्रपाल कुशवाहा सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ने कहा माता
कार्यक्रम को संबोधित करतीं पदाधिकारी |
सावित्री बाई फुले के मिशन को आगे बढाकर समाज में ब्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए पूरे जिले में सावित्री बाई फूले महिला अधिकार संघ का विस्तार करना होगा। राजकुमारी, शिवलोचना, कमला, अर्चना, चुन्नूराम सैनी सभासद नगर पालिका अतर्रा, छत्रसाल कुशवाहा, लल्लूराम सर्राफ, संतोष कुशवाहा, अरुण कुशवाहा विकास अधिकारी भारतीय जीवन बीमा निगम अतर्रा, रामचरण कुशवाहा तथा कई गणमान्य महिला पुरुष उपस्थित रहे। सभी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं फिजूल खर्ची रोकने के लिए शिक्षा के महत्व पर बल दिया और उनके बताये हुए रास्ते में चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे रामभवन कुशवाहा ने सभी का आभार व्यक्त कर मिशन को आगे बढाने में सक्रिय योगदान की अपील की।
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