बांदा, के एस दुबे । कथक सम्राट पद्म विभूषण बिरजू महराज के निधन से कलाकारों और कला प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। कलाकारों ने जहां उनके निधन को कला क्षेत्र की सबसे बड़ी क्षति बताया, वहीं कथक को विश्व में पहचान दिलाने के लिए सभी ने बिरजू महराज के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया। शहर के स्वराज कालोनी में नृत्य कला गृह की संचालिका और कलापर्ण संस्था की केंद्रीय अध्यक्ष श्रद्धा निगम की अगुवाई उनकी नृत्य शिष्याओं ने कथक के पर्याय बिरजू महराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और कथक के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान को याद किया। नृत्यगुरू श्रद्धा निगम ने बिरजू महराज को नमन करते हुए बताया कि वह लखनऊ घराने के अग्रणी
बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि देते बच्चे |
नर्तक थे और कथक को लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाने के लिए उनके विशेष योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महराज ने कथक नृत्य को समूचे विश्व में ख्याति दिलाई और पारंपरिकता के साथ ही कथक को आधुनिकता से जोड़ने का काम किया। जिससे कथक नृत्य की विश्व में एक अलग पहचान स्थापित हो सकी। नृत्य कला गृह की संचालिका ने अपनी शिष्याओं को भी बिरजू महराज के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और उनसे प्रेरणा लेकर नृत्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने की नसीहत दी। इस मौके पर छवि गुप्ता, सनोवर, सुप्रिया, शैलजा, श्रद्धा, सीमा, आद्या, श्रुति, संजना, राशिका, वैष्णवी, विभूति, आराध्या, कोमल, अबनि िआद बाल कलाकारों ने कथक सम्राट को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
No comments:
Post a Comment