एक दर्जन किसान अपना धान लिए खुले आसमान तले कर रहे रात्रि जागरण
नरैनी, के एस दुबे । आनलाईन टोकन निरस्त होने से अन्नदाता परेशान है। क्रय केंद्र के बाहर कई दिनों से धान लेकर बैठे किसानों ने आप बीती बताई। सरकारी धान खरीद केंद्रों में आनलाइन टोकन में दिए गए समय व तिथि पर किसान अपनी धान की फसल लेकर पहुंच जाते हैं। लेकिन बार-बार टोकन निरस्त होने व दोबारा आनलाइन कराने के चक्कर मे किसान पूरे सप्ताह क्रय केंद्र के बाहर पड़े रहने के लिये मजबूर हैं। कस्बा स्थित पीसीएफ के क्रय केंद्र द्वारा टोकन लेकर आये किसानों की खरीद नियत दिन न होने के कारण उन्हें सर्द रातों में जागकर धान
धान खरीद केंद्र के बाहर बिक्री के लिए धान लादे खड़े ट्रैक्टर |
की रखवाली करनी पड़ रही है। क्षेत्रीय किसान बदौसासानी गांव के वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि वम किराये के ट्रैक्टर में लादकर विगत 27 दिसम्बर को धान लाये थे। उसी दिन लगभग पांच किसानों के टोकन दिए गए थे, जिनमें केवल दो किसानों की तौल हो पाई। शेष लोगों के अगले दिन टोकन निरस्त हो गए। बताया कि अगला टोकन तीन दिन बाद का मिलता है, जिससे किसान परेशान होते रहते हैं। बताया कि किराये का ट्रैक्टर एक हजार रुपये रोज है। ट्रैक्टर खड़े रहने पर भी भाड़ा व तीन लोगों के भोजन का खर्च भी लगभग 400 रुपये रोज पड़ रहा है। बताया कि रात में अन्ना पशु परेशान करते हैं, जिससे सारी रात जागना पड़ रहा है। ऐसे ही तेरा-ब गांव निवासी नत्थू द्विवेदी, रामचंद्र द्विवेदी, बब्बू सविता तथा बसराही गांव निवासी बाबू पटेल सहित लगभग 11 किसान अपना धान लेकर लगभग एक हफ्ते से क्रय केंद्र के बाहर पड़े हैं।
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