माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष मौनी अमावस्या 1 फरवरी को है । सोमवार 31 जनवरी को अमावस्या तिथि 2:19 पर प्रारंभ होगी और 1 फरवरी को दिन में 11:15 समाप्त होगी अमावस्या तिथि दिन में लग रही है इसलिए सोमवार दिन में श्राद पितरों का तर्पण पूजन किया जा सकता है और 01 फरवरी दिन मंगलवार अमावस्या तिथि प्रातः काल से ही है इसलिए मौनी अमावस्या का स्नान, दान और व्रत रखा जायेगा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर
उपवास करते है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है और तिल, तिल का तेल , आंवला , कम्बल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली मंे पिृत दोष है उनको पितरों को तर्पण आदि कर दान-दक्षिणा करने से पिृत दोष से मुक्ति मिलती है । प्रयाग में माघ माह की अमावस्या में त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है माघ अमावस्या के दिन संगम तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है। मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में और 4 ग्रह सूर्य बुध चंद्र शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं। मान्यता है कि इस शुभ संयोग महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल , स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ
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