असोथर/फतेहपुर, शमशाद खान । महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना हसवा ब्लाक में पूरी तरह संवेदनहीनता की भेंट चढ़ गई है। तमाम विभागीय नियम कानून व प्रतिबंधों के बावजूद ताक पर रखकर हसवा ब्लाक में खुला खेल किया जा रहा है। इसका आलम यह है कि ब्लाक के मीरपुर गांव सूबेदार के पुरवा तक बन रही कच्ची चकरोड में कार्य जाब कार्ड धारकों के बजाए नाबालिक बच्चों से लिया जा रहा है। इसकी भनक रोजगार सेवक को नहीं है।
मनरेगा योजना के तहत कार्य करते बाल मजदूर। |
हसवा ब्लाक के पूर्वी छोर पर स्थित ग्राम पंचायत सातों धरमपुर के मीरपुर से लेकर सूबेदार का पुरवा तक कच्ची मिट्टी की चकरोड का कार्य ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के तहत कराया जा रहा है। हाल यह है कि पूरा कार्य कुछ जाब कार्ड धारकों व इधर उधर के नाबालिक बच्चों से कराया जा रहा है। जब सातों धरमपुर ग्राम प्रधान सुनील लोधी से बात की गई तो उनका जवाब गोल-मोल की तरह रहा उनका कहना था बच्चे कार्य कर रहे है तो क्या हुआ जब सयाने लोग नहीं मिलते तो इन्ही से कार्य करवा लिया जाता है। जब इसी मामले को लेकर हसवा क्षेत्र पंचायत अधिकारी शिवपूजन भारती से बात हुई तो उनका कहना है कि मामले की जांच की कार्यवाही की जाएगी।
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