असोथर/फतेहपुर, शमशाद खान । सरकारी सिस्टम तोड़ने के लिए बिचौलियों द्वारा छोटे किसानों से सस्ता धान खरीदकर क्रय केंद्रों पर बेचने की कालाबाजारी का खेल खेला जा रहा है। बिचौलियों के रैकेट में फंसे किसान रोज ही क्रय केंद्रों का चक्कर काट रहे है।
सरकारी क्रय केंद्रों की धान खरीद में दलालों का दखल होना कोई आम बात नहीं है। इससे पूर्व भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। असोथर नगर पंचायत के उपमंडी स्थल के असोथर द्वितीय धान क्रय केंद्र में बिचौलिए हावी हैं। इन बिचौलियों में सबसे ज्यादा सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा केंद्र प्रभारी पर दबाव बनाते हुए तौल करवाते नजर आते हैं। वही जब इन सत्ताधारियों का कोई विरोध करता है तो सत्ताधारी नेता मुकदमा लिखवाने की बात करते हैं। बिचौलिए किसानों के ओने-पौने दामों में धान खरीद कर व उनकी खतौनी लेकर तौल करवाते हैं। जिस पर छोटे किसानों के अंगूठा लगवा कर तौल करवा लिया जाता है। पारदर्शी धान खरीद की तमाम अवस्थाएं तौल के रफ्तार पकड़ने से पहले धड़ाम हो गई हैं। बिचौलियों पर शिकंजा कसने के प्रशासन की तमाम वकायदे धरी की धरी रह गई। असोथर क्षेत्र के धान खरीद केंद्रों में बिचौलियों का कब्जा है। किसानों को विपणन केंद्रों में धान रखने का स्थान नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी एजेंसियों के खरीद केंद्र खोजे नहीं मिल रहे हैं। भूल से इन केंद्रों में पहुंचने वाले किसानों की कटौती, ढलता, नमी और पल्लेदारी के नाम पर लूटा जा रहा है। प्रशासन मामले से बेखबर हो सिर्फ तौल की रफ्तार बढ़ाने को लेकर परेशान हैं।
क्रय केंद्र में पड़ा धान।
क्रय केंद्रों की व्यवस्थाओं को निगल रहे बिचौलिए
दोआबा के अधिकतर क्षेत्रों में धान की खरीद आमद लगभग एक महीने होने को है लेकिन क्षेत्र के केंद्रों में किसानों ने रफ्तार पकड़ी है। सूत्रों की मानें तो विपणन केंद्रों में तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं लेकिन दिन में बिजली सप्लाई ब्रेक होने से कैमरे होने का बिचौलिया फायदा उठा रहे हैं। बताते हैं कि आधा दर्जन बिचौलिए तौल होने के बाद दो तीन बोरी उपज शेष रखकर मौके से फैला देते हैं लेकिन बाद में उसी में धान लाकर डालते हुए अपनी मौजूदगी कायम रखते हुए केंद्र में हावी हैं। यहां फैली अव्यवस्था के कारण किसान पहुंचने से कतरा रहे हैं। किसान प्राइवेट क्रय केंद्रों में ओने-पौने दामों में अपनी फसल को बेच रहे हैं। असोथर उपमंडी द्वितीय में सत्ता पक्ष के एक नेता केंद्र प्रभारी पर सत्ता पक्ष का दबाव बनाकर रोजाना धान तौलवा रहे हैं।
आधा दर्जन धान क्रय केंद्र का कोई अता पता नहीं
सरकार ने किसानों का धान खरीदने के लिए असोथर क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन धान क्रय केंद्र खोले हैं। यह क्रय केंद्र कब खुलते हैं और कब बंद होते हैं, इसका किसानों को पता ही नहीं चलता। इसके चलते किसान विवश होकर अपना धान बिचौलिए के हाथ औने-पौने दाम में बेचने पर मजबूर हैं। जिससे यहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं। तौल के लिए किसानों को एक-एक सप्ताह खुले आसमान व ट्राली के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है। इन केंद्रों में पहुंचने वाले किसानों से मिलर्स के नाम पर 8 से 10 किलो की कटौती की जाती है। तर्क दिया जाता है कि मिलर्स बिना कटौती के धान स्वीकार नहीं करते हैं। कटौती पर राजी किसान का धान सीधे मील भेज दिया जाता है।
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