यात्रियों को टिकट बुक कराना लोहे के चने चबाने के समान
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। रेल यात्रियों को मुसीबत बना आरक्षण के एक खिड़की से दिनभर टिकट रिजर्बेशन के लिए खड़ा रहना पड़ता है। हाल यह है कि निर्धारित समय के बीच में एक घंटे का लंच होने पर मायूस होकर इधर उधर लोगों को समय गुजारते है या फिर लाइन में ही खड़े होने को विवश होते हैं। ऐसे में भारी समय की बरबादी होने के साथ ही अन्य जरूरी काम भी लोगों के प्रभावित होते हैं।
आरक्षण विण्डो में लगी लाइन।
कोरोना काल के दौरान से रेल सेवाएं शुरू होने के बाद आरक्षण प्रणाली से यात्री टिकट बुक कराने लगे। चित्रकूटधाम रेलवे स्टेशन में एकमात्र आरक्षण विंडो के सहारे भारी मुसीबत पैदा हो रही है। टिकट आरक्षित कराने के लिए सवेरे से लोग लाइन में खड़े हो जाते हैं। महज दो घंटे के बाद एक घंटे का लंच हो जाता है। फिर एक से चार बजे तक टिकट बुक करने का कार्य प्रारंभ होता है। कर्मचारी की सुस्ती के चलते लोगों को भारी मुसीबत झेलना पड़ता है। हाल यह होता है कि कभी-कभी तो यात्री बैरंग वापस हो जाते है। टिकट बुक करने के लिए सर्वर का भी बहाना खासा कारगर सिद्ध हो रहा है। इस महामारी के दौर में कोरोना नियमों का पालन भी नहीं दिखता। ऐसे में जिले के निवासी हलाकान है। मांग की है कि आमजन के हित को देखते हुए जल्द टिकट आरक्षण व्यवस्था में सुधार लाते हुए विण्डो की संख्या बढ़ाई जाए।
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