फतेहपुर, शमशाद खान । शहर में आज फिर मुस्लिम समुदाय की एक बारात में डीजे बजाने पर इमाम ने जब निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया तो बारातियों को माफी मांगनी पड़ी तत्पश्चात इमाम ने निकाह पढ़ाया और ताकीद किया कि बारात में डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाए। उधर शहरकाजी कारी फरीद उद्दीन कादरी ने आहवान किया कि जमाने की परवाह किए बगैर हक व सच के रास्ते पर चलना चाहिए। हम सबसे पहले अपनी इसलाह करें और अपने घरों से इसलाह की शुरूआत करें। तभी जाकर इन गैर शरई रस्मों का खात्मा होगा।
शहरकाजी कारी फरीद उद्दीन कादरी। |
बताते चलें कि गुरूवार को आबूनगर स्थित एक मैरिज हाल में सदर कोतवाली के ही एक मुहल्ले से शाम आठ बजे बारात आयी थी। जिसमें डीजे बजाया जा रहा था। डीजे की आवाज सुनकर इमाम ने निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया। जब मुहल्लेवालों को इसकी जानकारी हुई तो मुराइनटोला मस्जिद के इमाम कारी रूकुमउद्दीन को दी। कारी रूकुमउद्दीन अपने साथियों के साथ मैरिज हाल पहुंचे और डीजे का विरोध दर्ज कराया। इसके बाद लड़के पक्ष व लड़की पक्ष को समझाया कि नाच-गाना, डीजे बजाना शरीअत के कानून के खिलाफ है। लड़के पक्ष ने डीजे बंद करवाकर माफी मांगी तब जाकर निकाह हुआ। इस पूरे मामले की जानकारी शहरकाजी फरीद उद्दीन को भी दी। शहरकाजी ने जिले के मुस्लिम समुदाय के लोगों का आहवान किया कि बारात में डीजे का इस्तेमाल न करें। यदि ऐसा किया तो इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे।
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