जलधारा रोककर खनन करने का वीडियो व फोटो वायरल
रात में बिना रवन्ना के निकलते ओवरलोड ट्रक व ट्रैक्टर
खागा/फतेहपुर, शमशाद खान । अवैध बालू खनन का धंधा तहसील क्षेत्र में खूब फल फूल रहा है। राजनैतिक संरक्षण हासिल किए बालू तस्करों पर न तो पुलिस का भय दिख रहा है न ही प्रशासन कड़ा रुख अपना रहा है। खनन प्रभावित गांव के लोगों की दहशत देखते ही बनती है। इसके बावजूद जिम्मेदार खनन को लेकर मौन साधे हुए हैं। ऐसे में आमजन के हितों का ख्याल रखने का जिम्मा संभाल रहा प्रशासन बालू माफियाओं पर सख्ती कब बरतेगा। यह सवाल सभी को कचोट रहा है।
यमुना का दृश्य। |
मोरम खदान में जलधारा में उतर कर अवैध खनन करने से सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें साफ देखा जा रहा है कि कई पोकलैंड मशीनें जलधारा में उतर कर एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं और जलधारा को खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर पर्यावरण से छेड़छाड़ करती नजर आ रही है। जलधारा को बांध दिया गया है। जिसके बाद बालू माफिया एकदम निश्चिंत होकर बालू खनन कर रहे हैं, जबकि जनपद की अढ़ावल-11 का मामला एनजीटी कोर्ट में पहुंचा था। इसके बावजूद खनन माफियाओं को कोई खौफ नहीं है। बालू माफिया तहसील स्तरीय अधिकारियों से सेटिंग करके मनमाने तरीके से बालू खनन कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों का भी कोई अता पता नहीं है। शासन की गाइड लाइन है कि 360 की दक्षता से सभी स्तंभों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। जिससे अवैध खनन की पड़ताल हो सके। वही धर्म कांटा में भी 360 डिग्री के कैमरे लगे हो, ताकि बगल से गुजर रहे ओवरलोड वाहनों पर निगरानी हो सके। संगोलीपुर मडैयन व गढ़ीवा मझगवां खदान में नीचे उतर कर देखा गया तो पता चला कि पोकलैंड मशीनों की कतार लगी हुई थी। मशीनें यमुना नदी का सीना चीर रही थी। हल्की बूंदाबांदी हो जाने के कारण खदानों के रास्ते कीचड़ युक्त हो गए हैं। जिससे गाड़ियों को निकालने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मामले में खनिज अधिकारी राजेश कुमार का कहना था कि शिकायतें मिली हैं जल्द ही छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी।
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