नगर निकाय निदेशाय में किया गया संबद्ध, होगी विभागीय कार्रवाई
नरैनी विधायक ने एक और गोवंश की जान बचाई
बांदा, के एस दुबे - नरैनी तहसील की मोतियारी मंडी में संचालित अस्थाई गौशाला से गोवंशों को लेकर जाकर पहाड़ीखेड़ा (पन्ना) में छोड़े जाने और जिन्दा दफनाए जाने के मामले में शासन ने सख्त कार्रवाई की है। नगर पंचायत नरैनी के अधिशाषी अधिकारी अमर बहादुर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए नगर निकाय निदेशालय में सम्बद्ध किया गया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर जांच किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इधर, विधायक नरैनी राजकरन कबीर दूसरी बार पहाड़ीखेरा पहुंचे और वहां से एक और जीवित गोवंश की जान बचाई और नरैनी कस्बा लेकर आए।
पहाड़ीखेरा में मौजूद विधायक राजकरन कबीर व अन्य |
गौरतलब हो कि तमाम गोवंश को ले जाकर पहाड़ीखेरा पन्ना स्थित घाटी में ईंट और पत्थरों के जरिए दफन कर दिया गया था। इस मामले की जानकारी होने पर लोगों की भावनाएं आहत हुईं और मंगलवार को नरैनी मुख्य चौराहे पर गौसेवकों समेत हजारों लोगों ने चक्का जाम कर प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए थे। बाद में सीडीओ ने आश्वासन दिया था कि दो दिन के अंदर जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन पर जाम खुला था। मुख्य विकास अधिकारी ने पहाड़ीखेरा जाकर जांच की और रिपोर्ट प्रेषित की। शासन के उप सचिव राजेंद्र मणि त्रिपाठी ने निदेशक नगर निकाय निदेशालय को पत्र भेजा। उसमें नगर पंचायत नरैनी के अधिशाषी अधिकारी अमर बहादुर सिंह को दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और नगर निकाय निदेशालय में सम्बद्ध किया गया है। इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई की संस्तुति करते हुए जांच के निर्देश दिए गए हैं। इधर, मुख्य विकास अधिकारी के मौके पर पहुंचने के बाद विधायक राजकरन कबीर पहाड़ीखेरा के जंगलों में दोबारा पहुंचे। वहां पर जिन्दा दफनाए गए एक और गोवंश की उन्होंने जान बचाई और वाहन में लादकर कस्बे लेकर आए। मंगलवार को धरना प्रदर्शन व चक्का जाम के बाद सीडीओ वेदप्रकाश मौर्य व उनके साथ आये अन्य अधिकारी पहाड़ीखेरा के जंगलों में जांच-पड़ताल करने पहुंचे। सूचना पाकर लगभग आधे घण्टे बाद क्षेत्रीय विधायक राजकरन कबीर भी दोबारा मौके पर पहुंच गए। जब तक विधायक मौके पर पहुंचते उससे पहले ही सभी अधिकारी वापस आ चुके थे। साथ मे गये भाजपा के मण्डल अध्यक्ष सौरभ शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता प्रद्दुम्न द्विवेदी व कुछ पत्रकार गौवंशों के समाधि स्थल के आसपास घूम रहे थे, तभी उन्हें कुछ दूर एक अचेत अवस्था मे भूखी प्यासी व घायल गाय पड़ी दिखाई दी। विधायक व साथियों ने तुरन्त जंगल से सूखी लकड़ियों व पत्तों में आग जलाकर गाय की सिकाई की और उसका मुंह खोलकर पानी पिलाया। कुछ साथियों को पहाड़ीखेरा के ढाबे भेजकर रोटियां मंगाई गईं और गाय को सीधे बैठाकर रोटी खिलाने की कोशिश की गई। धीरे-धीरे गाय रोटी के कुछ टुकड़े खाने लगी। गाय के शरीर मे बहुत ज्यादा चोंटें थीं और उसकी एक आंख काम नही कर रही थी। उस गोवंश को बाद में एक वाहन बुलवाकर कस्बे के गौसेवक कैलाश सोनी की गौशाला लाया गया। अब गाय पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
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