चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक कामरेड रणधीर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस दौरान जिला सचिव कामरेड़ अमित यादव ने आरोप लगाया कि केन्द्र और प्रदेश सरकारें किसानों, मजदूरों, गरीबों को भरमाने के उद्देश्य से जो योजनायें चला रही है, उन योजनाओं का लाभ उन्हें न मिले इसके लिये कई हथकंडे अपना रही है। किसान सम्मान निधि की अब तक नौ किश्तें जारी हो चुकीं हैं, लेकिन तमाम किसानो को या तो कोई भी किश्त नहीं मिली या दो-तीन किश्तें ही मिल सकीं हैं। अब 10वीं किश्त 15 दिसंबर को जारी होने वाली है। किसानों को
बैठक में चर्चा करते भाकपा नेता। |
इससे वंचित रखने को सरकार ने नई बाधा खड़ी कर दी है। सरकार के नए फरमान के अनुसार अब ये निधि पाने को किसानों को ई केवाईसी करानी होगी। जिला सचिव ने कहा कि 99 प्रतिशत किसान हाईटेक नहीं हैं। ई केवाईसी कराने को उन्हें सीएससी केन्द्रों के चक्कर काटने होंगे। अतिरिक्त धन और समय खर्च होगा। फिर भी गारंटी नहीं कि उनकी निधि उन्हें मिल ही जायेगी। यह किसानों के साथ बड़ा छलावा है। किसानों को खेती के काम, आवारा पशुओं से फसल की रक्षा से फुर्सत नहीं और सरकार ने नया अड़ंगा पैदा कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि ई केवाईसी की शर्त तत्काल वापस हो। जिन किसानों को पूर्व में आवंटित किश्तें बकाया हैं उन्हें अदा किया जाये। अन्यथा की दशा में किसानों में भारी रोष पनप रहा है।
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