शहीयते मुस्तफा के मुताबिक निकाह की तकरीब को दें अंजाम
फतेहपुर, शमशाद खान । मुस्लिम समाज के लोगों को चाहिए कि शरीयते मुस्तफा स.अ. के मुताबिक शादी व निकाह की तकरीब को अंजाम दें। शादी व निकाह में गैर शरई रस्मों को लेकर इसके खिलाफ आवाज उठाएं।
यह बात काजी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कही। उन्होने कहा कि जिस निकाह की तकरीब में शरीअत का पास व लिहाज न रखा जाए और रस्मो रिवाज को इख्तेयार किया जाए उसमें शिरकत से परहेज करें। क्योंकि मौजूदा समय में मुस्लिम समाज की तकरीब में नमोनमूद और नुमाइश के लिए ऐसी खिलाफ शरअ रस्मों को
काजी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन। |
अंजाम दिया जा रहा है जिनका महजबे इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है। उनमें खड़े होकर खाना-पीना, नाचना, गाना, आतिशबाजी, डीजे के शोर पर थिरकना इस्लामी तालीमात के सरासर मुखालिफ और अल्लाह के गैजो गजब को दावत देने वाला है। मुस्लिम समाज के लोगों को ऐसी रस्मों से दूर रहकर सुन्नते मुस्तफा स.अ. के मुताबिक अपनी तकरीब का एतमाम करें। इसलिए जरूरत इस बात की है कि हर तबके के लोग आगे आएं और शादी व निकाह में गैर शरई रस्मों को लेकर इसके खिलाफ आवाज उठाएं।
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