दशहरा के ठीक 20 दिन बाद कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है. इस साल दीपावली 4 नवंबर 2021, गरुवार को है. 4 नवम्बर दीपावली अमावस्या तिथि को गुरुवार आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग है। अमावस्या तिथि 4 नवम्बर प्रात: 6:03 से प्रारम्भ होकर 5 नवम्बर को प्रातरू 2:44 तक है इस बार दिवाली पर चार ग्रह की युति एक ही राशि में होने के कारण विशेष शुभ संयोग बन रहा है। दीपावली पर सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा ये चारों ग्रह तुला राशि में रहेंगे। ग्रहों की यह स्थिति काफी दुर्लभ और शुभ मानी जाती है। तुला राशि का स्वामी शुक्र है और लक्ष्मी जी की पूजा करने से शुक्र अधिक शुभ फल देता है। शुक्र ग्रह धन और भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह है। ऐसे में ग्रहों के राजा सूर्य, बुध ग्रह के राजकुमार, ग्रहों के सेनापति मंगल और चंद्रमा मन के कारक हैं।
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेश्ठ है और काली पूजा अमावस्या मध्य रात्रि में करना श्रेश्ठ है। दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त प्रदोष काल, स्थिर लग्न वृषभ एवं सिंह लग्न श्रेश्ठ होता है।
- कुंभ लग्न- दिन 01ः24 - 02ः53 (व्यवसायिक स्थल में पूजा हेतु)
- प्रदोष काल - सायंकाल 05ः21 - 07ः57
- वृषभ लग्न- सायंकाल 05ः57 - 07ः53 (घर में पूजा हेतु)
- सिंह लग्न- रात्रि 12:27 - 02: 42 ( ईष्ट साधना सिद्धि के लिए )
- महानिशिथ काल- रात्रिकाल 11ः24 - 12ः16 (काली पूजा तथा तांत्रिक पूजा के लिए )
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