एक मान्यता के अनुसार दीपावली से 1 दिन पूर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म मेष लगन स्वाति नक्षत्र में मंगलवार को मध्यान में हुआ था जिसे श्री हनुमान जयन्ती के रूप में मनाते है। इस वर्ष हनुमान जयन्ती 3 नवम्बर को है। दिन में हनुमान जी के मन्दिर में गुड़ चने का प्रसाद और दीपक जलायें। हनुमान जी कलयुग में सर्वाधिक पूजें जाने वाले देवता है। हनुमान जी शिव के अवतार है। इनकी पूजा तत्काल फल देने वाली है इन्हें हनुमान, संकटमोचन, बजरंगबली, महावीर, पवन पुत्र, आंजनेय, केसरीनन्दन आदि
नामों से पुकारा जाता है इन्हें ग्राम देवता के रूप में भी पूजा जाता है। ये शक्ति, तेज और साहस के प्रतीक है। हनुमान भक्त इस दिन व्रत रख कर राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन कर भजन- कीर्तन करते है। इस दिन व्रत रखकर रामचरित मानस के सुन्दर काण्ड का पाठ करना बहुत लाभ दायक होता है। लाल वस्त्र, लाल चन्दन, लाल फूल, सिन्दूर चमेली के तेल का लेप, बेसन के लडडू और बूंदी से ये शीघ्र प्रसन्न होते है । हनुमान जी की पूजा से जीवन में बल, बुद्वि, साहस, संकटों पर विजय, निरोगिता प्राप्त होती है और मंगल ग्रह सम्बंधी दोष दूर होते है -
ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र , अलीगंज , लखनऊ
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