फतेहपुर, शमशाद खान । जिला एवं सत्र न्यायालय पास्को एक्ट प्रथम की अदालत के विद्वान न्यायाधीश रविकांत द्वितीय ने नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को बीस-बीस साल की सजा के साथ ही 25-25 हजार के अर्थदण्ड़ की सोमवार को सजा सुनाई है। अर्थ दण्ड से वसूली जाने वाली धनराशि से 40 हजार रूपये पीड़िता को दिये जाने का आदेश अदालत ने जारी किया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि हथगाम थाना के रहने वाले पीड़ित गुलाब सिंह ने 22 दिसम्बर 2016 को धारा 376 घ, 363, 366 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुये आरोप लगाया था कि जनपद कौशाम्बी के थाना सैनी क्षेत्र के निवासी दिनेश व स्थानीय संतराम उर्फ संतलाल ने उसकी मंदबुद्धि नाबालिग पुत्री को मामा के गांव जाते समय थरियांव बस स्टाप से डरा-धमका व बहला-फुसला कर ले गये थे। तीन दिन तक इटवा मे ंरखने के बाद दिनेश के गांव ले गये और उसके साथ दोनो जबरन दुष्कर्म करते रहे। उन्होने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सोमवार को अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को 20-20 साल का सशक्त कारावास तथा 25-25 हजार का अर्थदण्ड का विद्वान न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। अदालत ने अर्थदण्ड की वसूल की जाने वाली धनराशि से 40 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है। सजा सुनाते ही देानों आरोपियों को अदालत ने पुलिस अभिरक्षा में दे दिया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।
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