कानपुर नगर, हरिओम गुप्ता - बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगातार शिक्षा को उच्च स्तर पर लाने के लिए जोर दिया गया है। आनिवार्य बाल शिखा अधिकार के अंतर्गत बाल शिक्षा पर सर्वाधिक होने पर जोर देते हुए अब हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचे इसके लिए परिषदीय विधालयों की संख्या में बढोत्तरी करने का निर्णय लिया गया है।
शिक्षा सभी का अधिकारी है और ऐसे में जब पढेगा इंडिया तभी बढेगा इंडिया श्लोगन को चितार्थ करने की आवश्यकता है। अनिवार्य बाल शिखा का अधिकार कानून के तहत बाल शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि आरटीई के मानकों में प्राथमिक विधालय तथा तीन किलोमीटर के क्षेत्र में उच्च प्राथमिक विधालय अनविार्य रूप से होना चाहिऐ और इसके लिए शिक्षा निदेशक डा0 सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसी बस्तियों में विधालय स्थापित किए जाये जहां एक से पांच कक्षा तक के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके। ऐसी बस्तियां जहां विधालय न हो साथ ही कहा कि बस्ती की आबादी 300 होनी चाहिये। कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल के लिए मानक दूरी तीन किमी है साथ ही अन्य मानको को देखते हुए विधालयों का निर्माण कराया जाये।
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